उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- समय बदल गया, अब पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी
उपराष्ट्रपति एम वेंंकैया नायडू का कहना है कि देश में देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं पाइपलाइन में हैैं। खेल मंत्रालय इस पर काम कर रहा है।
चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। उपराष्ट्रपति एम वेंंकैया नायडू ने कहा कि एक समय था जब समझा जाता था कि खेल बच्चों को होशियार और कामयाब इंसान नहीं बना सकता। उस समय केवल पढ़ाई को ही तवज्जो दी जाती थी, लेकिन आज का समय जितना पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही खेल के लिए भी। आज अपने बेहतरीन खेल के दम पर एक साधारण सा खिलाड़ी भी बड़ा नाम बना रहा है, इसलिए खेल और पढ़ाई दोनों का अपना-अपना महत्व है। केंद्र सरकार खेल को आगे लाने के लिए कई कार्य कर रही है और कई कार्य पाइपलाइन में है।
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) द्वारा शुक्रवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद (माका) ट्राफी जीतने के बाद ऑनलाइन सत्कार समारोह कार्यक्रम आयोजित किया था। आयोजित किया था। इसमेें उपराष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने खेल को लेकर कई बातेंं साझा की।
स्पोट्र्स के लिए मजबूत एक सेटअप देना जरूरी
खेल को आगे लाने के लिए जरूरी है मजबूत सेट अप की। एक ऐसा स्काउटिंग सिस्टम सेटअप जहां पर प्रतिभा की पहचान हो। वहां पर खिलाड़ियों को उचित ट्रेनिंग दी जाए। इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने यूनिवर्सिटी को आदेश दिया की स्पोट्र्स को और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाए, जिससे खिलाड़ियों को मदद मिले।
निचले स्तर से रखनी होगा नीव
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर आकर खिलाड़ी पूरी तरह से पक जाता है। हमें जरूरत है निचले स्तर पर काम करने की। इसके लिए स्कूलों और स्लम एरिया के बच्चों पर खेल मंत्रालय का फोकस है। कई प्रस्ताव बनाए गए हैंं जो आने वाले समय में लागू होंगे।
पीयू का स्पोट्र्स इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान स्थिति में मजबूत
उन्होंने पीयू के मौजूद स्पोट्र्स इंफ्रास्ट्रक्चर की तारीफ की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पीयू में मौजूदा दौर में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसको ओर ज्यादा अपग्रेड करने की जरूरत है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी स्पोट्र्स जरूरी
खेल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया मुहिम शुरू की,जिसके साथ आज देश का हर वर्ग जुड़ा हुआ है। खेल, योग या कोई भी अन्य शारीरिक गतिविधि अच्छे स्वास्थ्य और तनावमुक्त जीवन के लिए लोगों की दिनचर्या का अभिन्न अंग बनना चाहिए।