सोलर प्रोजेक्ट लगाने बाद आपकी टेंशन खत्म, वेंडर ही करेगा पूरी देखभाल
सोलर प्रोजेक्ट लगवाने के बाद आपकी कोई चिंता नहीं रहेगी। इसकी मेंटेनेंस से लेकर एनर्जी जेनरेट करने तक जिम्मेदारी की वेंडर की होगी, जो इसे इंस्टॉल करेगा।
[चंडीगढ़, बलवान करिवाल] सोलर प्रोजेक्ट लगवाने के बाद अब आपकी कोई चिंता नहीं रहेगी। इसकी मेंटेनेंस से लेकर एनर्जी जेनरेट करने तक सब जिम्मेदारी उस वेंडर की होगी, जो इसे इंस्टॉल करेगा। हालांकि वह वेंडर चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी (क्रेस्ट) के पैनल में शामिल होना चाहिए। क्रेस्ट ने इसके लिए क्राइटेरिया निर्धारित कर दिया है। जिसमें एक किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट से प्रति माह 216 यूनिट बिजली उत्पन्न होनी जरूरी है। ऐसा नहीं होता है, तो वेंडर को इसे दुरुस्त करना होगा। यदि शिकायत के बाद भी वेंडर इसे ठीक नहीं करता है और बिजली अधिक उत्पन्न नहीं होती, तो क्रेस्ट वेंडर को ब्लैकलिस्ट करेगा।
दरअसल, पैनल पर कई बार धूल-मिट्टी जमा हो जाती है। कई बार आसपास मौजूद पेड़ की छाया भी इस पर रहती है, तो एनर्जी जेनरेट होनी कम हो जाती है। लोगों को पता नहीं चलता, जिस कारण उन्हें सोलर प्रोजेक्ट का ज्यादा फायदा बिल में नहीं मिलता। इसको देखते हुए क्रेस्ट ने एक किलोवाट के प्रोजेक्ट से प्रति माह 216 यूनिट जेनरेट करने को अनिवार्य कर दिया है।
पांच साल में कैशबैक
एक किलोवाट के प्रोजेक्ट पर इस समय 90 हजार रुपये खर्च आता है। जिसमें 30 हजार रुपये की सब्सिडी मिल जाती है। 100 वर्ग गज की छत पर 1 किलोवाट आसानी से लग जाता है। ऐसे में अगर हर महीने यह प्रोजेक्ट 216 यूनिट जेनरेट करता है, तो दो महीने में 432 यूनिट पैदा करेगा। प्रति यूनिट 6 रुपये लगाएं तो 3 हजार रुपये बिल में बच जाएंगे। पांच साल में 90 हजार रुपये बचेंगे। ऐसे में पूरे प्रोजेक्ट की कीमत वसूल हो जाएगी। बिजली का बिल भी दो महीने में ही आता है। ऐसे में जितनी एनर्जी घर में इस्तेमाल होगी। बाकी ग्रिड में चली जाएगी और वह अगले बिल में एडजस्ट हो जाएगी।
4500 घरों के लिए आए आवेदन
17 नवंबर 500 गज या इससे अधिक एरिया के घर पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने की अंतिम तिथि थी। क्रेस्ट 800 घरों पर सोलर प्रोजेक्ट लगा चुकी है और 4500 घरों के लिए आवेदन आ चुके हैं। लेकिन अभी भी कई हजार घर ऐसे हैं, जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। क्रेस्ट ने ऐसे लोगों को छह महीने का समय देने के लिए एस्टेट ऑफिस को लिखा है। इन लोगों को अगले छह महीने तक का समय मिल जाएगा। अभी गवर्नमेंट प्राइवेट जितनी बिल्डिंग और घरों पर सोलर प्रोजेक्ट लगे हैं। उनसे 25 मेगावाट सोलर एनर्जी उत्पन्न हो रही है। 2022 तक 69 मेगावाट जेनरेट करने का लक्ष्य मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी ने क्रेस्ट को दे रखा है।