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चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा की बढ़ी मुश्किलें, कर्मचारी हुए खिलाफ, लिया यह फैसला

शहर में नगर निगम चुनाव का दौर चल रहा है। सभी राजनीतिक दल एक-एक वोट के लिए दमखम लगा रहे हैं। हर वर्ग तक पहुंचा जा रहा है लेकिन भाजपा प्रत्याशियों की चुनाव से ठीक पहले मुश्किल बढ़ गई हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 01:50 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 01:50 PM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा की बढ़ी मुश्किलें, कर्मचारी हुए खिलाफ, लिया यह फैसला
कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग भाजपा के खिलाफ हो गया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में नगर निगम चुनाव का दौर चल रहा है। सभी राजनीतिक दल एक-एक वोट के लिए दमखम लगा रहे हैं। हर वर्ग तक पहुंचा जा रहा है, लेकिन भाजपा प्रत्याशियों की चुनाव से ठीक पहले मुश्किल बढ़ गई हैं। कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग भाजपा के खिलाफ हो गया है। कर्मचारियों ने भाजपा के प्रत्याशियों को हराने का निर्णय ले लिया है। कर्मचारियों ने तो यह तक कह दिया है कि भाजपा के खिलाफ प्रचार और पार्टी उम्मीदवारों को वोट न देने का अभियान भी चलाया जाएगा।

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सेल्फ फाइनेंसिंग यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम में फ्लैट नहीं मिलने से नाराज इंप्लाइज ने भाजपा का बायकाट कर दिया है। यूटी इंप्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर सोसायटी की आम सभा की सरदार बलविंदर सिंह की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। मीटिंग में बडी़ संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि मीटिंग में सब इंप्लाइज ने यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम की देरी पर न केवल चिंता प्रकट की बल्कि रोष प्रकट किया।

पहले चुनाव जिताए अब हराएंगे

सरदार बलविंदर सिंह और डा. ब्रह्म प्रकाश यादव ने जोर देकर कर्मचारियों को कहा कि उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी को 2014 में भारी बहुमत से लोकसभा चुनाव में जिताकर संसद भेजा, 2016 में नगर-निगम में चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । जनवरी 2019 में 61.5 एकड़ जमीन मंजूर करने पर फिर से लोकसभा का चुनाव जिताया, लेकिन 61.5 एकड़ जमीन की मंजूरी के अलावा कर्मचारियों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ । पिछले 14 साल से कर्मचारी फ्लैट्स का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें अभी तक आश्वासन ही मिलते जा रहे हैं। डा. धर्मेंद्र ने स्कीम शुरू से अभी तक की जानकारी दी।

चुनाव में दिखाएंगे आइना

मीटिंग में वरिष्ठ उपप्रधान राम प्रकाश शर्मा और सलाहकार संजय मेनन ने भी सभा को संबोधित किया । इन वक्ताओं ने भी कुछ इसी तरह अपनी व्यथा प्रकट की । इसलिए सभा में सबने एक स्वर में यह फैसला किया कि जब तक इन्हें चुनाव में आईना नहीं दिखाएंगे तब तक कर्मचारियों को ऐसे ही घुमाते रहेंगे लेकिन फ्लैट्स मिलने की संभावनाएं कम ही हैं। इसलिए नगर-निगम चुनाव में इनका जबरदस्त विरोध करते हुए हराया जाए ताकि कर्मचारियों की ताकत का एहसास हो और उनका काम जल्द करा सकें। फिर 2024 का लोकसभा चुनाव भी इन्हें अभी से दिखाई दे रहा होगा इसलिए यह फैसला भी हुआ कि 12 दिसंबर रविवार को फिर से सभी साथी अपने पति , पत्नी, बच्चों, भाई बंधुओं, मित्रों और सभी जानकारों को साथ लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हों, ताकि अपनी ताकत का एहसास कराया जा सके। मीटिंग मस्जिद ग्राउंड में ही होगी।


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