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यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने चंडीगढ़ प्रशासक से की मांग, गुरु रविदास जयंती पर हो सार्वजनिक अवकाश

यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने गुरु रविदास जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग की है। इसके लिए यूनियन के सदस्यों ने चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को मांगपत्र भी सौंपा है। 27 फरवरी को भगत संत गुरु रविदास की जयंती है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 01:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 01:08 PM (IST)
यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने चंडीगढ़ प्रशासक से की मांग, गुरु रविदास जयंती पर हो सार्वजनिक अवकाश
यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने चंडीगढ़ प्रशासक से की मांग, गुरु रविदास जयंती पर हो सार्वजनिक अवकाश।

चंडीगढ़, जेएनएन। शिराेमणि भगत संत गुरु रविदास की जयंती पर चंडीगढ़ में सार्वजनिक अवकाश हो। ऐसी मांग यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से की है। यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने शनिवार को प्रशासक को मांगपत्र सौंपा।

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यूनियन के सदस्यों ने अपील की है कि 27 फरवरी को भगत संत गुरु रविदास की जयंती है। उस दिन शनिवार है जिसके चलते प्रशासन के ज्यादातर आफिस बंद रहेंगे लेकिन स्कूलों को कोई छुट्टी नहीं होगी। ऐसे में प्रशासक को सभी कर्मचारियों के बारे में सोचने की जरूरत है। 

यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन के प्रेसिडेंट स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि गुरु रविदास का वर्णन 1450 से 1550 के बीच आता है, जो कि एक छोटी जाति से संबंध रखने के बावजूद महान संत हुए है। उन्होंने खुद की विचारधारा से जातिवाद का अंत किया है। उनका वर्णन और वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में भी दर्ज है।

स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि जब गुरुवाणी होती तो जब संत रविदास का वाक आता है तो झुका जाता है, जिसका कारण है कि गुरु रविदास को सिख गुरुओं के बराबर की उपाधि दी जाती है। वहीं गुरु ग्रंथ साहिब को लिखने वाले गुरु अर्जन देव ने कहा है कि जातिवाद इंसान को कभी आगे नहीं बढ़ने देता। इससे हमेशा इंसानियत को नुकसान हुआ है। इसलिए उन्होंने कहा कि संत गुरु रविदास का प्रयास बेहतर बताते हुए उन्हें शिरोमणि की पदवी दी थी। यदि गुरु रविदास की जयंती पर छुट्टी नहीं होती तो जातिवाद को दोबारा से बढ़ावा मिल सकता है। गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हर गुरु और संत के जन्मदिन को देश भर के गुरुद्वारे मनाते हैं ऐसे में जरूरी है कि 27 फरवरी की भी छुट्टी हो।


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