सर्दियों में ज्यादा होते हैं रोड एक्सीडेंट, चंडीगढ़ में सड़क हादसे रोकने के लिए अधिकारियों ने तैयार किया प्लान
चंडीगढ़ में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों ने एक हाईलेवल मीटिंग की। बैठक में अधिकारियों ने अपने सुझाव भी दिए। अधिकारियों ने कहा कि सर्दियों में रोड एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने स्टेट लेवल रोड सेफ्टी काउंसिल की तरफ से प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग की गई। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने शहर में बढ़ते रोड एक्सीडेंट को रोकने के लिए अपने सुझाव दिए।
अधिकारियों ने कहा कि सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। सर्दियों में सड़क हादसे बढ़ जाते हैं। क्योंकि आगामी दिनों में रात के समय कोहरा सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह बन जाता है। वहीं, शहर में ब्लैक स्पॉट/दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को सुधारने के साथ-साथ सड़कों पर विजिबिलिटी बढ़ाने पर सुझाव दिया गया। बैठक में होम सेक्रेटरी कम सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट यूटी, फाइनेंस सेक्रेटरी कम सेक्रेटरी रिंग, डीसी विनय प्रताप सिंह, एसएसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी, एडीसी यूटी, सीए यूटी, सीई एमसी, डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट यूटी, सेक्रेटरी एसटीए, टाउन प्लानर यूटी, रोड सेफ्टी एंड संस टेबल ट्रांसपोर्ट इंजीनियर आदि मौजूद रहे।
इस मौके पर कुछ प्रमुख निर्णयों में विकलांग व्यक्ति पार्किंग स्टीकर जारी करना और उनके पार्किंग स्थलों को चिह्नित करना, सर्दियों और रात के समय में बेहतर दृश्यता के लिए शहर के सभी चौराहों पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाना। प्रेस लाइट प्वाइंट पर एटीसी लाइट के साथ चौक का निर्माण, परिवहन और हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट, वी-2 और वी-3 रोड की डिवाइडर पर मजबूत लोहे की ग्रिल लगाना, शहर में अंधेरे स्थानों और पार्कों में लाइट का प्रबंध करना, बसों के लिए ले-बे का प्रावधान, पैदल चलने वालों और साइकिल क्रॉसिंग पथों पर उचित चेतावनी संकेत और लाइट की व्यवस्था करने पर चर्चा की गई। इसके साथ ही शहर की मुख्य सड़कों पर, साइकिल ट्रैक और फुटपाथ आदि पर गलत पार्किंग करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए।
कोरोना में 46 फीसद कम हुआ सड़क हादसा
वहीं, ट्रैफिक पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में 46 फीसद सड़क हादसों में कमी आई है। इसी आधार पर नए ब्लैक स्टॉप की पहचान करने के साथ उनमें सुधार करने की जिम्मेदारी प्रशासन के इंजीनियर विभाग को सौंपा जाएगा।