सौर ऊर्जा का उपयोग प्रकृति की रक्षा के लिए आवश्यक : डा. अशौक चौहान
ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर वीरवार को हरियाणा के सभी महाविद्यालयों के वर्चुअल हिस्सेदारी से वेबिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, पंचकूला :
ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर वीरवार को हरियाणा के सभी महाविद्यालयों के वर्चुअल हिस्सेदारी से वेबिनार का आयोजन किया गया।
इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन रॉय, प्रबंध निदेशक एचवीपीएनएल टीएल सत्यप्रकाश,ं बिजली वितरण कंपनी हरियाणा के प्रबंध निदेशक पीसी मीणा भी शामिल हुए। वेबिनार का विषय ऊर्जा संरक्षण में नागरिक दायित्व था।
मुख्य वक्ता के रूप में अर्थशास्त्र विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. अशोक चौहान ने कहा कि पूरी दुनिया की सारी लड़ाइयां खत्म हो जाएंगी, यदि हम सौर ऊर्जा का समाज उत्पादन करने लगे। प्रत्येक नागरिक के घर की छत अगर सौर ऊर्जा का उत्पादन करने लगे तो पूरी दुनिया एक हो सकती है। उन्होंने परामर्श देते हुए कहा कि पृथ्वी सम्मेलन जैसे मंच पर यदि पूरी दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष सहमति बनाकर अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर उसके साथ ग्रीड बनाए और दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक ऊर्जा पहुंचाने का मार्ग बना दे तो यह दुनिया रहने लायक बची रहेगी।
इस अवसर पर करनाल से डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डा. आरपी सैनी ने कहा कार्बन उत्सर्जन समकालीन समय की सबसे बड़ी चुनौती है। पानीपत से एसडीपीजी कॉलेज के प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि सौर ऊर्जा के निर्माण से ऊर्जा की कीमत भी घटेगी और पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। यमुनानगर से डा. सुषमा आर्य प्रबंधक डीएवी कॉलेज ने कहा कि यदि हम सौर ऊर्जा के उपयोग पर निर्भर होते हैं तो दुनिया की सारी लड़ाइयां खत्म हो जाएंगी। संचालन करते हुए संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगलों में आग लग रही है। धरती गर्म हो रही है, कार्बन का उत्सर्जन बढ़ रहा है। मानो ऐसा लगता है कि जैसे धरती फिर से कहीं आग का गोला न बन जाए। इस वेबिनार में पूरे राज्य से सैकड़ों शिक्षको, विद्यार्थियों ने सक्रिय हिस्सेदारी निभाई। उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक कार्यालय के जीवंत हिस्सेदारी से यह आयोजन सम्पन्न हुआ।