बिजली संकट से थोड़ी राहत, रोपड़ व बठिंडा थर्मल पावर प्लांट के दो यूनिट चले, सीएम के निर्देश किसानों को मिले निर्बाध 8 घंटे बिजली
पंजाब में बिजली संकट से राहत मिलनी शुरू हो गई है। रोपड़ व बठिंडा थर्मल प्लांट के दो यूनिट शुरू हो गए हैं। इस बीच सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने धान की बुआई के लिए किसानों को 8 घंटे निर्बाध बिजली देने के निर्देश दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़/जालंधर/पटियाला। पंजाब में जारी बिजली संकट के बीच गत दिवस रोपड़ और बठिंडा के दो थर्मल पावर प्लांटों का एक-एक यूनिट चलने से कुछ राहत मिली है। इनमें एक यूनिट 210 और दूसरा 250 मेगावाट क्षमता का है। हालांकि, अभी संकट खत्म होने में एक हफ्ता लग सकता है। क्योंकि तलवंडी साबो व राजपुरा थर्मल प्लांट का एक-एक यूनिट बंद है। पावरकाम को रोपड़ थर्मल प्लांट की चार यूनिटों से कुल 747 मेगावाट और बठिंडा के लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट से 831 मेगावाट बिजली मिली।
इस तरह स्टेट सेक्टर के इन थर्मल पावर प्लांटों से पावरकाम को कुल 1587 मेगावाट बिजली मिली। इसके अलावा रणजीत सागर डैम से 246 मेगावाट, अपर बारी दोआब केनाल प्रोजेक्ट से 86 मेगावाट, आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजेक्ट से 120 मेगावाट और शानन हाइडल प्रोजेक्ट से 105 मेगावाट बिजली हासिल हुई। पंजाब में मौजूदा प्राइवेट थर्मल पावर प्लांटों में से 1347 मेगावाट राजपुरा थर्मल प्लांट से, 1236 मेगावाट तलवंडी साबो से और 503 मेगावाट गोइंदवाल थर्मल प्रोजेक्ट से बिजली मिली। पावरकाम ने पंजाब से कुल 5588 मेगावाट और बाकी बिजली बाहर से खरीद कर मांग पूरी की।
पावरकाम के सीएमडी ए. वेणु प्रसाद ने कहा कि 29 जून को रोपड़ थर्मल प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ। इससे डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर आया। इसी कारण सरकारी दफ्तरों में एसी का इस्तेमाल न करने की अपील की गई। वहीं, इंडस्ट्री पर लाजिमी साप्ताहिक अवकाश का फैसला भी लागू करना पड़ा। अब बिजली की मांग और सप्लाई में तालमेल बनाया जा रहा है। इन कदमों से राज्य में बिजली की खपत में करीब 900 मेगावाट तक कमी आ गई है। इससे रिहायशी सेक्टर के साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर को ज्यादा बिजली सप्लाई में मदद मिली। ए वेणुगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निर्देशों के अनुरूप, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) घरेलू क्षेत्र में अभूतपूर्व मांग वृद्धि के बीच भी धान की बुआई के लिए किसानों को प्रतिदिन 8 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया जा रहा है।
निजी थर्मल प्लांटों के साथ समझौतों की कानूनी समीक्षा शुरू
कांग्रेस हाईकमान की ओर दिए गए 18 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत कैप्टन सरकार ने पिछली अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की ओर से निजी थर्मल प्लाटों के साथ किए गए बिजली खरीद को समझौतों की कानूनी समीक्षा शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने जो समझौतों किए थे उससे राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है। इसकी रोकथाम के लिए जल्द ही कानूनी रणनीति का एलान किया जाएगा।
शनिवार को बिजली संकट की समीक्षा बैठक के बाद कैप्टन ने कहा कि बादल सरकार के समय इकरारनामों पर हुए हस्ताक्षर के कारण वित्तीय नुकसान हो रहा है। इस नुकसान को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। कैप्टन ने कहा कि बादल सरकार ने 139 इकरारनामों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन उनमें 17 इकरारनामे ही राज्य की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए काफी हैं। 1314 मेगावाट क्षमता की महंगी बिजली खरीदने के लिए शेष 122 इकरारनामों पर बेवजह ही हस्ताक्षर कर दिए गए हैं, जिससे राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है।
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह के बीच कांग्रेस हाईकमान की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में बनी तीन सदस्यीय कमेटी की ओर से पिछले महीने कैप्टन को दिल्ली बुलाकर 18 सूत्रीय कार्यक्रम दिया गया था। इसमें 2017 विधानसभा चुनाव में किए गए वादे डेडलाइन तय कर पूरा करने के लिए कहा गया था। चुनाव में कांग्रेस ने यह वादा किया था कि निजी थर्मल प्लाटों के साथ किए गए बिजली समझौते रद किए जाएंगे।
पिछले साल के मुकाबले 1000 मेगावाट ज्यादा बिजली खरीदी
कैप्टन ने बिजली संकट को देखते हुए लोगों से अपील की है कि वह संयम से बिजली का इस्तेमाल कर सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि पंजाब में बीते सप्ताह 13500 मेगावाट की सप्लाई की तुलना में बिजली की मांग 16000 मेगावाट तक पहुंच गई थी। पावरकाम ने तुरंत ही राज्य से बाहर 7400 मेगावाट बिजली की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस साल पिछले साल के मुकाबले 1000 मेगावाट ज्यादा बिजली खरीदी गई है। अगर खरीद में बढ़ोतरी न की जाती तो राज्य को 1000 मेगावाट बिजली की और किल्लत का सामना करना पड़ता।
तलवंडी साबो प्लांट का एक यूनिट बंद होने से पैदा हुआ संकट
मुख्यमंत्री ने कहा कि 660 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट के एक यूनिट के फेल हो जाने के कारण बिजली संकट पैदा हुआ है। पावरकाम इस प्लांट को भारी जुर्माना लगाने के लिए नोटिस जारी कर चुका है। जबकि सरकार ने बिजली संकट को दूर करने के लिए एक से सात जुलाई तक उद्योगों पर तीन दिन के कट लगाया है। इशके साथ ही सरकारी दफ्तरों में एसी प्रयोग करने पर रोक लगाई गई है।
तीन दिन के लिए इंडस्ट्री बंद करने के बावजूद नहीं रुके बिजली कट, बारिश से थोड़ी राहत
पंजाब सरकार ने बिजली संकट को दूर करने के लिए लार्ज स्केल (एलएस) सप्लाई वाली इंडस्ट्री के लिए तीन दिन का अनिवार्य आफ-डे घोषित कर दिया, लेकिन इसके बावजूद घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली कट का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) ने सरकारी दफ्तरों में एसी व अन्य भारी खपत वाले उपकरण चलाने पर भी रोक लगाई थी। इससे भी मांग में कोई खास कमी नहीं आई।
गत दिवस को पंजाब में बिजली की खपत 12,205 तक रही, जबकि मांग 13,115 मेगावाट तक पहुंच गई है। शुक्रवार को यह 13,361 मेगावाट थी। इस लिहाज से पंजाब में अभी करीब 910 मेगावाट बिजली की कमी है। शनिवार को गुरदासपुर में आठ घंटे, फरीदकोट में चार, मुक्तसर व फाजिल्का में तीन-तीन घंटे तक घरेलू उपभोक्ताओं को पावर कट के कारण परेशान होना पड़ा। पटियाला में मथुरा कालोनी, तेजबाग कालोनी, जगदीश कालोनी और रोज गार्डन कालोनी में पांच घंटे बिजली गुल रही। कई अन्य जगह टेक्निकल फाल्ट के कारण बीच-बीच में डेढ़ से दो घंटे के कट लगते रहे।
संगरूर में बिजली सप्लाई न मिलने के कारण किसानों ने पावर ग्रिड के सामने हाईवे जाम कर दिया। धरना हटाने के पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने एक्सईएन लहरा को फोन करके बिजली सप्लाई एक घंटे में सुचारू करने का आश्वासन देकर धरना उठवाया।हालांकि, बारिश के कारण जमीनी पानी निकालने के लिए मोटरें कम चलने से शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को थोड़ी राहत रही। बठिंडा, जालंधर, होशियारपुर, पठानकोट और अमृतसर में शनिवार को कोई कट नहीं लगा।