सेक्टर-32 स्थित GMCH ने 13 लाख के चक्कर में गवां दिए दो करोड़ रुपये Chandigarh News
GMCH की इमरजेंसी में संचालित दवा की दुकान पिछले चार महीने से बंद पड़ी है। उसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद संचालन शुरू नहीं कराया जा सका है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में संचालित दवा की दुकानों के टेंडर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल की इमरजेंसी में संचालित दवा की दुकान पिछले चार महीने से बंद पड़ी है। उसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद संचालन शुरू नहीं कराया जा सका है। कारण जिस फर्म को टेंडर मिला, उसने संचालन से इन्कार कर दिया और जो फर्म संचालन को तैयार हुआ, उस पर पूर्व में गलत बिलिंग का आरोप लगा हुआ था।
ऐसे में टेंडर से इन्कार करने वाले फर्म की जमा की गई 13 लाख रुपये की सिक्योरिटी मनी अस्पताल प्रशासन ने जब्त कर ली और उस टेंडर को रद कर दिया। लेकिन दूसरे फर्म को संचालन की अनुमति नहीं दी। इतना ही नहीं, इससे मरीजों को तो परेशानी ङोलनी ही पड़ रही है, साथ ही दुकान के बंद होने से महज चार महीने में जीएमसीएच को दो करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। लेकिन अस्पताल प्रशासन के लिए दो करोड़ रुपये के नुकसान के आगे 13 लाख रुपये की वसूली ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हुई है।
इनकी समझदारी का जवाब नहीं
इमरजेंसी में संचालित जिस दुकान को जुलाई में बंद करने का आदेश दिया गया था, उस पर मरीज को गलत बिल देने का आरोप लगा था। जिस पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रशासन ने पेनल्टी लगाते हुए उसका संचालन बंद कर दिया। उस फर्म ने टेंडर की प्रक्रिया होने तक संचालन की अनुमति मांगी लेकिन उससे साफ इन्कार कर दिया गया। उसके लिए अगस्त में फिर से टेंडर की प्रक्रिया हुई तो कई फर्मो ने एप्रोच किया। टेंडर फाइनल तो हो गया लेकिन चुनी गई फर्म ने दुकान संचालित करने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद उसकी सिक्योरिटी मनी जब्त कर दुकान को बंद रखने का निर्णय लिया गया। उस दुकान से अस्पताल प्रशासन को हर माह 50 लाख रुपये किराया मिलता था।
दो निजी और एक सरकारी दुकान हैं संचालित
मौजूदा समय में जीएमसीएच में अमृत फार्मेसी के साथ दो निजी मेडिसन शॉप्स का संचालन हो रहा है। जबकि चंद दिनों पहले वहां संचालित जन औषधि की दुकान टेंडर समाप्त होने के कारण बंद कर दी गई है। ऐसी स्थिति में अस्पताल परिसर में उन दुकानों पर न मिलने वाली दवाओं की तलाश में मरीजों व उनके परिजनों को यहां-वहां चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
उस दुकान के लिए पूर्व में की गई टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी लेकिन बाद में टेंडर मिलने वाले फर्म ने संचालन से इन्कार कर दिया। उस पर कार्रवाई करते हुए उसकी 13 लाख रुपये की सिक्योरिटी मनी जब्त कर ली गई है। मौजूदा समय में पुन: टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही बंद दवा की दुकान संचालित होने लगेगी।
-अनिल मोदगिल, प्रशासनिक प्रवक्ता, जीएमसीएच।
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