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हरियाणा में आइएएस बनने के लिए कैट पहुंचे दो एसोसिएट प्रोफेसर

-एचपीएससी ने पांच पदों के लिए ऑनलाइन मांगे थे आवेदन -याचिकाकर्ताओं का तर्क तकनीकी कारणों से वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद नहीं जमा हो रहे थे आवेदन -नौ अगस्त को होनी है परीक्षा कैट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला किया सुरक्षित।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 10:31 PM (IST)
हरियाणा में आइएएस बनने के लिए कैट पहुंचे दो एसोसिएट प्रोफेसर
हरियाणा में आइएएस बनने के लिए कैट पहुंचे दो एसोसिएट प्रोफेसर

राजन सैनी, चंडीगढ़ : हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) की ओर से नौ अगस्त को क्लास वन ऑफिसर्स के आइएएस बनने के लिए होनी वाली परीक्षा को लेकर दो याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में केस दायर किया है। याचिकाकर्ताओं ने कैट से उन्हें सेलेक्शन प्रोसेस में शामिल करने और परीक्षा देने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। कैट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में आदेश रिजर्व रख लिया है। हरियाणा सरकार ने इसी वर्ष मार्च महीने में क्लास वन ऑफिसर्स का आइएएस बनने का सपना पूरा करने के लिए राह आसान कर दी थी। इसके मुताबिक, आवेदनकर्ता को एचपीएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा को पास करना जरूरी है। एचपीएससी ने इसी कड़ी में पांच आइएएस पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए नौ अगस्त परीक्षा के लिए तय कर दी गई। हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ निवासी अजीत सिंह और जिला रोहतक के सेक्टर-35 निवासी पवन कुमार ने कैट में दायर केस में कहा है कि दोनों ही कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। अजीत और पवन की तरफ से पेश हुए वकील विजयपाल सिंह ने बताया कि एचपीएससी ने 20 जून को पांच आइएएस पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। ऑनलाइन फार्म 28 जून तक भरे जा सकते थे। विजय पाल के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने जब ऑनलाइन आवेदन किया तो रजिस्ट्रेशन होने के बाद फार्म नंबर एक एचपीएससी की वेबसाइट पर आना था। इस फार्म को भरने के बाद डाउनलोड कर एचपीएससी को ऑनलाइन ही सबमिट करना था। साथ ही इसकी एक हार्डकॉपी अपने पेरेंटल डिपार्टमेंट में सब्मिट करवाना था। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद जब फार्म नंबर एक भरना चाहा, तो वेबसाइट में तकनीकी समस्या आने की वजह से फार्म डाउनलोड नहीं हुआ। अजीत ने अपनी अपील में कहा कि उसने 28 जून को आवेदन किया था। इसके बाद वेबसाइट पर ही समस्या समाधान के लिए भी ऑप्शन था। इस पर उन्होंने फार्म नहीं आने की समस्या भी बताई लेकिन आठ घंटे बीत जाने के बाद भी उसका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन आइडी आदि की हार्डकॉपी कॉलेज के प्रिसिपल के जरिये पेरेंटल डिपार्टमेंट (डायरेक्टर हायर एजुकेशन) को भेज दी। एचपीएससी ने परीक्षा के लिए नौ अगस्त की तारीख तय कर दी थी। इसके बाद एचपीएससी की तरफ से उन्हें फोन आया कि उन्होंने ऑनलाइन फार्म नंबर एक जमा नहीं करवाया है, इसलिए वह परीक्षा नहीं दे सकते। वहीं, कैट में दायर जवाब में एचपीएससी की ओर से कहा गया कि, याचिकाकर्ताओं को प्रक्रिया में शामिल होने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर आवेदन को जमा करवाना जरूरी था, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी नहीं की। मैनुअल तरीके से किया आवेदन

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साथ ही केवल मैनुअल तरीके से ही आवेदन किया, जोकि उचित प्रक्रिया के नियम का उल्लंघन है। इनके खिलाफ की अपील दोनों शिकायतकर्ताओं ने यूनियन ऑफ इंडिया, हरियाणा सरकार के चीफ सेक्रेटरी, प्रिसिपल सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल ऑफ हायर एजुकेशन, एचपीएससी चेयरमैन, जिला रोहतक के सांपला और महेंद्रगढ़ के नारनौल स्थित सरकारी कॉलेज के प्रिसिपल के खिलाफ केस दायर किया है। दोनों ने अब कैट में केस दायर कर उनको भी सेलेक्शन प्रोसेस में शामिल करने और परीक्षा देने की अनुमति दिए जाने की मांग की है।


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