पंजाब के सरकारी अस्पतालों में नहीं बढ़ेगी इलाज की दरें, सरकार ने वृद्धि का आदेश वापस लिया
पंजाब के सरकारी अस्पतालों में अब चिकित्सा की दरें नहीं बढ़ेंगी। राज्य सरकार ने चिकित्सा की दरों में वृद्धि के आदेश को वापस ले लिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में अब सरकारी अस्पतालों में अब इलाज की दरों में वृद्धि नहीं होगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पताल में चिकित्सा की दरों में वृद्धि के अपने फैसले काे वापस ले लिया है। सरकार ने शनिवार काे चिकित्सा दरों में वृद्धि की घोषणा की थी और सोमवार देर सायं इसे वापस ले लिया।
शनिवार को दर बढ़ाने का फैसला लिया, सोमवार को वापस ले लिया
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब हैल्थ सिस्टम कोर्पोरेशन के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नए रेट का फैसला वापस लिया है। यानी अब पुरानी दरों पर ही लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड के दौरान बिगड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुए पंजाब हेल्थ सिस्टम कोर्पोरेशन के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों की संशोधित दरों को वापस लेने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है और सरकारी अस्पतालों में पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पुरानी दरों संबंधी नयी हिदायतें सभी सिविल सर्जनों को जारी कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य के जरूरतमंद लोगों को तीसरे स्तर की मल्टी-स्पैशलिस्ट अस्पतालों में मिलने वाली सेवाएं मुहैया करवाने के लिए सरबत सेहत बीमा योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य पैकेजों को 1393 से बढ़ाकर 1579 किया गया है।
उन्होंने कहा राज्य में सरबत सेहत बीमा योजना के अंतर्गत औसतन 1500 दाखि़ले प्रतिदिन हो रहे हैं। यदि इस स्कीम के अधीन सूचीबद्ध अस्पतालों के पक्ष से देखा जाए तो पंजाब उन प्रमुख राज्यों में से एक है जहाँ इस योजना के पहले साल में राज्य स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा 767 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया। इन अस्पतालों में लाभपात्रियों को दूसरे और तीसरे स्तर के मानक इलाज मुफ़्त दिए जा रहे हैं। बता दें कि नए रेट शनिवार को ही जारी हुए थे। जिसे सोमवार को वापस ले लिए गए।