परमिट रद होने के बाद भी चल रही निजी बसें, परिवहन सचिव व आयुक्त हाईकोर्ट में तलब
73 निजी बस ऑपरेटर्स को जारी किए गए परमिट रद करने के बाद भी इन ऑपरेटर्स की बसें लगातार चल रही हैं। मामल में परिवहन सचिव व आयुक्त को अदालत में तलब किया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर्स पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई नई ट्रांसपोर्ट नीति के बावजूद पंजाब में निजी बस ऑपरेटर्स की मनमानी जारी है। नई ट्रांसपोर्ट नीति को अधिसूचित किए जाने के बाद भी राज्य में इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा है। यह आरोप याचिकाकर्ता ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब की ट्रांसपोर्ट नीति को लेकर विचाराधीन मामले की सुनवाई के दौरान लगाए गए।
मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 73 निजी बस ऑपरेटर्स को जारी किए गए परमिट रद करने के बाद भी इन ऑपरेटर्स की बसें लगातार चल रही हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुदीप आहलूवालिया की खंडपीठ ने इन आरोपों के बाद मामले की सुनवाई को 10 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए अपने मौखिक आदेशों में पंजाब के परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त और एडवोकेट जनरल को अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस मामले में अदालत की निगाहों में धूल झोंकी जा रही है और अदालत द्वारा विजयन ट्रैवल्स के मामले में दिए गए आदेशों की भी अनुपालना नहीं की जा रही। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से मांग की कि पंजाब में निजी बस परमिटों के मसले के स्थाई निदान के लिए इस मामले को तीन भागों में बांटे जाने की जरूरत है।
इसमें एक हिस्से में सिर्फ इंटर-स्टेट परमिट का विषय, दूसरे में मिनी बस और तीसरे में बसों के परमिटों में विस्तार या बदलाव के मुददों को लिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता पक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य में परमिट के बिना भी चल रही लगभग सभी निजी बसें पूर्व में सत्तासीन रहे परिवार की हैं।
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