चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल के बच्चों के बनाए खिलौने इंडिया टॉय फेयर में शहर और स्कूल को दिलाएंगे पहचान
चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल के बच्चों और स्टूडेंट्स के बनाए खिलौने अब राष्ट्रीय स्तर पर शहर और स्कूल को पहचान दिलाएं। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में स्कूल के छात्रों और टिचर्स ने मिलकर ये प्रयास किया है।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल के बच्चों और स्टूडेंट्स के बनाए खिलौने अब राष्ट्रीय स्तर पर शहर और स्कूल को पहचान दिलाएं। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में स्कूल के छात्रों और टिचर्स ने मिलकर ये प्रयास किया है। ये खिलौने घर पर पड़े बेकार सामान से तैयार किए गए हैं।
27 फरवरी से चार मार्च तक होने वाले इंडिया टॉय फेयर में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा इन खिलौनों को प्रदर्शित किया जाएगा। यह खिलौने गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18 के टीचर्स और स्टूडेंट्स ने मिलकर तैयार किए हैं। इन खिलौनों की खास बात यह है कि इनमें साइंस और मैथ की थ्यौरी को प्रेक्टिकल को भी दिखाया गया है। स्कूल टीचर्स और स्टूडेंट्स द्वारा करीब दो सौ से ज्यादा खिलौना का निर्माण किया है। जो कि छठी से बारहवीं कक्षा के साइंस और मैथ विषय की थ्यौरी इन खिलौनों में शामिल है। प्राइमरी विंग के स्टूडेंट्स के लिए महीनों के नाम के साथ त्योहार, महीने के दिन, फल और सब्जियों के आकार और उनका खाने से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है।
स्कूल टीचर निशा ने बताया कि लॉकडाउन में स्ट्रेस फ्री रहने के लिए हमने खिलौनों का खुद निर्माण किया और स्टूडेंट्स से कराया था। स्टूडेंट्स इन्हें बनाकर मस्ती करने के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहे हैं जो कि हमारे लिए बेहतर परिणाम है। स्टूडेंट्स इस प्रयास से जल्दी सीख रहे है।
खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास
प्रिंसिपल राजबाला ने बताया कि बच्चों को मैथ और साइंस से सबसे ज्यादा डर लगता है। उस डर का कारण चाहे कोई भी हो लेकिन उसे दूर करते हुए स्टूडेंट्स को बेसिक तक लेकर जाने का काम टीचर्स का होता है। यह खिलौने टीचर्स ने स्टूडेंट्स को स्ट्रेस से बचाने के लिए बनाए थे और जब सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन सीबीएसई ने टाॅय फेयर के लिए कहा तो हमने उसमें भी भाग लिया। शहर के 115 सरकारी स्कूलों का प्रतिनिधित्तव हमारा स्कूल करेगा। इन खिलौनों से बच्चे खेल भी सकते है और उसके साथ-साथ थियौरी को प्रैक्टीकल करके पढ़ाया जाएगा जो कि लंबे समय तक स्टूडेंट्स को याद रहेगा।