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सतलुज, ब्यास व रावी दरिया उफान पर, पंजाब में बाढ़ का खतरा

पंजाब में लगातार बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं। इससे राज्‍य में बाढ़ का खतरा है। कई क्षेत्रों में नदियों का पानी आबादी वाले इलाकों में घुस गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 09:05 AM (IST)
सतलुज, ब्यास व रावी दरिया उफान पर, पंजाब में बाढ़ का खतरा
सतलुज, ब्यास व रावी दरिया उफान पर, पंजाब में बाढ़ का खतरा

जेएनएन, चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब में कई दिनों से लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हो गई है और इनमें पानी लगातार बढ़ रहा है। इससे राज्‍य में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। नदियों का पानी कई क्षेत्रों में आबादी वाले इलाकों में पहुंच गया है और दर्जनों गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है। लोग सुरक्षित स्‍थानों की ओर जा रहे हैं।

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लुधियाना के माछीवाड़ा के पास सतलुज दरिया में 15 से 20 हजार क्यूसिक पानी चल रहा है। भले ही यह खतरे के निशान से नीचे है पर भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश से पानी आने पर खतरा बढ़ सकता है।  अगर सतलुज में एक लाख क्यूसिक तक पानी पहुंचा तो धुस्सी बांध को खतरा हो सकता है। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल, एसएसपी ध्रुव दहिया ने माल विभाग के अधिकारियों ने धुस्सी बांध व सतलुज दरिया का जायजा लिया। उन्‍होंने खास कर धुल्लेवाल का नाजुक प्वाइंट भी देखा। उन्‍होंने सिंचाई विभाग को अभी से बचाव कार्य में लगने को कहा।

तरनतारन में कई ड्रेनों में मिलीं खामियां, डीसी ने लगाई फटकार

उधर, पौंग डैम में पानी बढ़ने के बाद हरिके पत्तन में जलस्तर बढ़ गया है। सोमवार को जलस्तर 21 हजार क्यूसिक रिकार्ड किया गया। उधर, बाढ़ के खतरे को देखते हुए तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने अलगों कला, काली सक्तरां व ठटठी जैमल सिंह, मस्तगढ़ क्षेत्रों का दौरा किया। उन्‍होंन ड्रेनों का जायजा लिया। डीसी ने कई जगह पर खामियां पाए जाने की पर विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

रुपनगर जिले के आनंदपुर साहिब क्षेत्र के गांव लोदीपुर के पास उफान पर सतलुज नदी।

सभी जिले में बनाए गए बाढ़ कंट्रोल रूम

सभी जिलों में जिलाधीशों नेे संभावी बाढ़ से निपटने लिए प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया कि वे अपने हेड क्‍वार्टर में तैनात रहें। जिला स्तर और सब डिविजन स्तर पर बाढ़ रिलीफ सेंटर भी बनाए गए हैं।

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सेहत विभाग को भी चौकस रहने के आदेश

सेहत विभाग की 13 टीमें आपातकालीन स्थिति का सामना करने लिए बनाई गई है। ब्लड बैैंकों में हर तरह का खून और दवाइयां रखने के आदेश दिए गए है। डीसी ने बताया कि दरिया के साथ लगते गांवों में मुनादी करवा कर लोगों को चौकस किया जाए। उन्होंने डीजल, पैट्रोल, दूध, भोजन एवं राशन का भंडार तैयार करने के आदेश दिए।

लुधियाना के माछीवाड़ा के पास सतलुज दरिया के किनारे बांध का जायजा लेते अधिकारी।

 गुरदासपुर में रावी का बढ़ा कहर

गुरदासपुर में रावी दरिया का पानी आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच गया है। जिला प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। दरिया के पार बसे गांव तूर, चेबे, लसियान, भरियाल, मम्मी चकरंजा, कूकर, कजले व चूंबर का देश से संपर्क टूट गया है।

उधर, दरिया रावी में पानी का स्तर बढ़ जाने से आसपास क्षेत्र में बने बाढ़ जैसे माहौल को देखते हुए एसएसपी गुरदासपुर स्वर्णदीप ङ्क्षसह व नायब तहसीलदार गोपाल शमर ने क्षेत्र का दौरा कर हालातों का जायजा लिया। न्होंने कहा कि जैसी ही उन्हें स्थिति खराब होती नजर आई व तुरंत जिला प्रशासन से संपर्क कर उन्हें तुरंत सुरक्षा व सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। 

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गुरुद्वारा कमेटियों व गोताखोरों को को भी तैयार रहने के निर्देश

जिलों में प्रशासन ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से भी संपर्क कर रहा है ताकि अगर स्थिति गंभीर होती है तो लंगर तैयार रखा जाए। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लोगों की संभाल के लिए गोताखोरोंको तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

बारिश से तबाह फसलों के लिए अकाली दल ने मांगी राहत

उधर, अकाली दल ने कांग्रेस सरकार से किसानों को फसलों के नुकसान के लिए राहत देने की मांग की है। पूर्व मंत्री व शिअद के किसान विंग के अध्यक्ष सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि कितने दुख की बात है कि उन लाचार किसानों की मदद के लिए कांग्रेस सरकार ने किसी राहत की घोषणा नहीं की है, जिनकी धान व कपास की फसल बर्बाद हो जाने के कारण वह संकट का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम कपास व धान की फसलों के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ तथा आलू व सब्जियों के नुकसान के लिए 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की मांग करते हैं। यह सिर्फ अस्थायी हल है। इसके लिए राहत की घोषणा नुकसान का जायजा लेने के बाद की जा सकती है।

मलूका ने कहा कि किसान पिछले दो दिनों से परेशानी का सामना कर रहे हैं और मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री व यहां तक कि कांग्रेसी विधायकों के पास भी किसानों के पास जाने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव में हासिल की गई झूठी जीत के जश्न मनाने में मस्त है, जोकि उसने गुंडागर्दी से हासिल की है।


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