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श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर होगा विशेष सत्र, 53 साल बाद पंजाब-हरियाणा विधायक बैठेंगे एक साथ

छह नवंबर को बुलाए गए पंजाब विस के विशेष सत्र में सिर्फ श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और उनके जीवन दर्शन पर बात होगी। सत्र में 53 साल बाद पंजाब व हरियाणा के विधायक एक साथ बैठेंग

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 08:42 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 05:36 PM (IST)
श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर होगा विशेष सत्र, 53 साल बाद पंजाब-हरियाणा विधायक बैठेंगे एक साथ
श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर होगा विशेष सत्र, 53 साल बाद पंजाब-हरियाणा विधायक बैठेंगे एक साथ

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र कई मायनों में खास होने जा रहा है। छह नवंबर को बुलाए गए इस सत्र में जहां सिर्फ गुरु नानक जी की शिक्षाओं और उनके जीवन दर्शन पर बात होगी, वहीं 53 साल बाद पंजाब व हरियाणा के विधायक एक साथ बैठेंगे। पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 में लागू हुआ था और हरियाणा अलग राज्य बना। गुरु नानक जी धार्मिक यात्राओं के दौरान आपसी भाईचारा और सरबत के भले को सबसे ज्यादा अहमियत देते थे।

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गुरु नानक साहिब ने अपने जीवन में चार विशेष धार्मिक यात्राएं की थीं और अलग-अलग जगहों पर उपदेश दिए थे। अपनी बात को रखने के लिए उन्हें सत्ता का भय कभी नहीं लगा। बाबर के अत्याचारों को देखकर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने परमात्मा को भी इसकी उलाहना देते हुुए कहा- ऐती मार पई कुरलाणै, तैं की दर्द न आया (इतनी मार पड़ने के बाद भी क्या तुम्हें दर्द नहीं हुआ)।

बात चाहे लंगर प्रथा की हो या भ्रष्ट लोगों के यहां न जाने की, गुरु नानक साहिब अपनी बात कहने से कभी पीछे नहीं हटे। महिलाओं के उत्थान की आवाज भी उन्होंने धड़ल्ले से बुलंद की और कहा- सो क्यों मंदा आखिएै, जित जमै राजान (जिसने राजाओं को पैदा किया है उसे बुरा कैसे कहा जा सकता है)।

विधानसभा का यह विशेष सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पंजाब व हरियाणा के बीच कई मुद्दों को लेकर आपसी मतभेद हैं जिनके हल के लिए बातचीत करने के बजाय दोनों सरकारें अदालतों का सहारा लेती हैं। गुरु नानक साहिब का दर्शन ही मतभेदों को लेकर आपसी सहमति पर बातचीत करने का है। उनकी धार्मिक यात्राओं का मकसद भी इसी दर्शन को फैलाने का था।

विशेष सत्र की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू करेंगे। पहली बार विधानसभा में स्पीकर के आसन को हटाकर एक डायस बनाया जाएगा और सात प्रमुख शख्सियतें बैठेंगी। इनमें उपराष्ट्रपति के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह शामिल हैं।

राणा केपी सिंह ने बताया गुरु नानक साहिब का पूरा जीवन आपसी भाईचारे और सबरत के भले को समर्पित रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि उनके 550वें प्रकाशोत्सव पर हमें उनके जीवन दर्शन पर बात करने का मौका मिल रहा है। यह ऐतिहासिक दिन होगा जब दो राज्यों के विधायक, उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री विधानसभा में उपस्थित होंगे और गुरु नानक साहिब की विचारधारा पर बात होगी।

हालांकि अभी प्रोग्राम फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन बताते हैं कि पंजाब विधानसभा के स्पीकर, विपक्ष के नेता दस-दस मिनट बोलेंगे। पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री 15-15 मिनट बोलेंगे। उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री के लिए समय तय नहीं किया गया है। विशेष सत्र के समापन के बाद सभी के लिए लंच रखा गया है। इसके बाद हाउस को स्थगित करके फिर से शुरू किया जाएगा और दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। हाउस एक बार फिर से स्थगित किया जाएगा। उसके बाद विधायकों को लाभ के पद से बाहर निकालने के लिए बिल पास किया जाएगा।

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