सदन में आप पार्षदों का हंगामा, कहा- हम नहीं मानते सरबजीत को मेयर
नगर निगम के सदन की बैठक में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। सदन की गरिमा कई बार तार-तार हुई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए खूब नारेबाजी की।
जासं, चंडीगढ़ : नगर निगम के सदन की बैठक में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। सदन की गरिमा कई बार तार-तार हुई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए खूब नारेबाजी की। हंगामा कर रहे पार्षदों को बाहर निकालने के लिए मेयर ने मार्शल बुलाए। मार्शल और पुलिस ने विपक्षी दलों के पार्षदों को धक्के मारते हुए उठाकर सदन के बाहर ले गए। इस दौरान टेबल के सामने लगा एक शीशा भी टूट गया। बवाल बढ़ने का कारण था मेयर चुनाव के मिनट्स। सदन में आठ जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव के मिनट्स पास करवाने के लिए प्रस्ताव सदन में लाया गया। इस पर तीन घंटे तक आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों ने हंगामा किया। हंगामा इतना बढ़ गया कि मेयर सरबजीत कौर को भी अपनी कुर्सी छोड़कर जाना पड़ा और सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा ने मेयर की कुर्सी पर बैठकर सदन चलाया। आप और कांग्रेस के पार्षदों ने मेयर को घेरते हुए सदन में ही धरना दिया। असल भाजपा चाहती थी कि मेयर चुनाव के मिनिट्स बहुमत के साथ पास हो जाए। इस पर विपक्षी दल के पार्षदों ने अपना समर्थन नहीं दिया। यह नगर निगम चुनाव के बाद इस साल की पहली सदन की बैठक थी जिसमे चुने हुए सभी नए पार्षदों ने भाग लिया। ऐसा पहली बार हुआ जब चुनाव के बाद पहली बैठक में ही पार्षद आपस में इस तरह से उलझ गए हो। आम आदमी पार्टी पहले ही मेयर चुनाव को चुनौती देते हुए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुकी है। इसके बाद यह तय किया गया कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में इस मामले पर कानूनी राय के लिए स्टैंडिग काउंसिल को भेजा जाएगा। जबकि कांग्रेस और आप इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि मिनट्स पास करने के प्रस्ताव पर वोटिग करवाई जाए, लेकिन भाजपा मेयर ने ऐसा नहीं किया। जबकि एक बार सचिव राजीव प्रसाद ने वोटिग करने की घोषणा कर दी थी जिस पर सिर्फ भाजपा के पार्षदों ने हाथ खड़े किए। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने देखा कि यह प्रस्ताव गिर जाएगा ऐसे में उन्होंने वोटिग करने की प्रक्रिया को बीच में ही खत्म कर दिया। इस पर मेयर ने कहा कि सचिव ने उनकी मंजूरी के बिना प्रक्रिया शुरू की थी जो कि हो नहीं सकती है।
भाजपा पार्षदों ने कहा कि अगर यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन न होता तो वोटिग करवाई जा सकती थी। ऐसे में मेयर चुनाव के मिनट्स पास करवाए बिना भाजपा पार्षद ने आगे हंगामे के दौरान ही सदन चलाया। मेयर सरबजीत कौर के पहली बार पार्षद बनने के कारण उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा। तीन घंटे तक हंगामा होता रहा। पहली बैठक में हंगामे के कारण नहीं हुई शहर की समस्याओं पर चर्चा
सदन चलाने में कमिश्नर आनिंदिता मित्रा और सचिव राजीव प्रसाद ने अहम भूमिका निभाई। सचिव ने बताया कि पीठासीन अधिकारी ने मेयर चुनाव के मिनट्स पास कर दिए हैं। इस पर भी आप पार्षदों ने आपत्ति जताई। हंगामा होने के कारण शहर की किसी भी अन्य समस्या पर चर्चा नहीं हुई। वह मेयर को नहीं मानते : आप
सदन में आप की पार्षद प्रेम लता ने कहा कि वह मेयर सरबजीत कौर को नहीं मानते हैं, क्योंकि भाजपा ने मेयर का चुनाव धोखे से जीता है। इस बात को लेकर भाजपा पार्षद कंवरजीत राणा का प्रेम लता के साथ बहस भी हुई। प्रेमलता ने कहा कि मेयर चुनाव का दिन चंडीगढ़ के इतिहास का काला दिन था। कांग्रेस के पार्षदों ने आप के पार्षदों का साथ दिया। मालूम हो कि मेयर चुनाव में कांग्रेस के पार्षदों ने भाग नहीं लिया था। इस पर भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों को कहा कि वह तो मेयर चुनाव के दौरान मौजूद नहीं थे ऐसे में वह क्यों मिनट्स पर आपत्ति कर रहे हैं। सचिव राजीव प्रसाद ने सदन में विपक्षी दलों के पार्षदों को कहा कि अगर उन्हें कोई आपति है तो उसे दर्ज कर लिया जाएगा। सदन के किसी भी प्रस्ताव में आम आदमी पार्टी ने भाजपा का साथ नहीं दिया। दलीप शर्मा ने विपक्षी दल को सुनाई खरी-खरी
जब विपक्षी दल के पार्षद ज्यादा हंगामा कर रहे थे तो भाजपा पार्षदों ने ही सरबजीत कौर को कुछ देर के लिए सदन से जाने के लिए कहा, ताकि सीनियर डिप्टी मेयर दलीप शर्मा मेयर की कुर्सी पर बैठे और विपक्षी दल के पार्षदों को जवाब देते हुए सदन चलाए। इस दौरान ही डड्डूमाजरा के डंपिग ग्राउंड और गारबेज प्लांट को अपग्रेड करने का प्रस्ताव पास किया गया। जब विपक्षी दल के पार्षद ज्यादा सवाल कर रहे थे तो सचिव ने नियम पढ़कर बताया कि एक पार्षद एक सदन में तीन से ज्यादा सवाल नहीं पूछ सकते हैं। दलीप शर्मा ने एक घंटे तक मेयर की कुर्सी पर बैठकर सदन चलाया। इस दौरान मेयर सरबजीत कौर अपने ऑफिस में रही। जब सदन की बैठक का अंतिम एजेंडा रह गया था तब मेयर सरबजीत कौर वापस आई। दलीप शर्मा ने मेयर की कुर्सी पर विराजमान होकर आप और कांग्रेस पार्षदों का मुकाबला करते हुए उन्हें खूब खरी खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि शहर की बेहतरी के लिए प्रस्ताव आया है, लेकिन विपक्षी पार्षद शहर का विकास नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय गारबेज प्लांट बंद पड़ा है, इसको फिर से चलाने के लिए प्रस्ताव लाया गया है।