इस गेहूं की रोटी में हैं बड़े गुण, कई दुखों से देगी सुकून, पढ़ें पूरी खबर
अब गेहूं की रोटी ने रंग-बिरंगी होगी व अधिक स्वास्थ्यवर्द्धक भी। कृषि विज्ञानियों ने खास किस्म का गेहूं तैयार किया है जो कई रंगों का होगा। इसमें भरपूर गुण होगा।
मोहाली, [रोहित कुमार]। अब आपकी चपाती, केक एवं ब्रेड रंग-बिरंगी होगी। इसके साथ ही यह अधिक पौष्टिक भी होगी। यह संभव होगा रंग-बिरंगे गेहूं से। इस गेहूं का बीज तैयार किया है राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (नाबी) की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग ने। उनके अनुसार काले, नीले व बैंगनी रंग में उपलब्ध होने वाले इस गेहूं की रोटी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होगी और कई रोगों से बचाएगी।
डॉ. मोनिका गर्ग ने बताया कि इस गेहूं में ब्लूबैरी व जामुन जैसे फलों में पाए जाने वाले रंगद्रव्य एंथोसाइनिन भरपूर मात्रा में होंगे। सामान्य गेहूं की तुलना में यह बच्चों से लेकर बड़ों सभी के स्वास्थ्य के लिए बेहद स्वास्थ्यवर्द्धक होगा। इस गेहूं की रोटी से डायबिटीज का खतरा दूर हाेगा। यह मधुमेह (डायबिटीज) के श्ािकार लोगों के लिए वरदान की तरह होगा।
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सबसे खास बात यह है कि इस गेहूं की हर मौसम में खेती हो सकेगी। इस रंगीन गेहूं में प्रोटीन के संग कार्बोहाइड्रेट्स एवं आहार फाइबर का महत्वपूर्ण अनुपात भी हाेगा। इसका इस्तेमाल सामान्य गेहूं की तरह ही सुगमता से भंडारण व प्रतिदिन उपयोग के लिए किया जा सकता है। अभी यह रंगीन गेहूं न्यूजीलैंड, कनाडा व यूरोप में कई देशों में व्यावसायिक रूप से बेचा जाता है।
नियमित आहार मेंं शामिल करने के लिए और शोध जारी
डॉ. गर्ग ने पेटेंट फाइल करके अपने आविष्कार को पहले ही सुरक्षित कर लिया है। वह ऐसे बहुत से तरीकों को भी खोज रही है जिससे रंगीन गेहूं हमारे नियमित आहारों में शामिल हो सके। नाबी ने इस गेहूं के बीज की उपलब्धता के लिए पंजाब व हरियाणा आधारित कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। उम्मीद है कि और अधिक समझौता ज्ञापनों से भारत के विभिन्न भागों में रंगीन गेहूं को पहुंचाने में मदद मिलेगी।
यह होते हैं एंथासाइनिन
रंगीन गेहूं मेंं पाया जाने वाला एंथोसाइनिन एक तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हमारे शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को हटाते हैं। मोटापा, सूजन, डायबिटीज, हृदय रोगों, उम्र बढऩे आदि की सुरक्षा में सहायता करते हैं।
किसानों की आया बढ़ेगी, पोषण समस्या होगी खत्म
नाबी कार्यकारी निदेशक डॉ. टीआर शर्मा ने रंगीन गेहूं के विभिन्न लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बच्चों एवं बड़ों के लिए सफेद गेहूं व आटे के उत्पादों की तुलना में स्वास्थ्यप्रद उत्पाद होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि नाबी का यह उत्पादन कृषकों की आय दोगुनी करने में सहायक सिद्ध होगा। यह राष्ट्रीय पोषण समस्या को समाप्त करने की ओर एक कदम भी साबित होगा।
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लखनऊ की कंपनी किसानों से मिलकर तैयार करेगी यह गेहूं
इसके पेटेंट को लेकर लखनऊ की एक कंपनी से समझौता भी किया गया है। गोल्डन एग्रीजेनेटिक इंडिया लिमिटेड के साथ किए गए समझौते के तहत यह कंपनी किसानों की सहायता से रंगीन गेहूं की खेती करेगी। कंपनी ने निदेशक राहुल सिंह ने आगामी रबी सीजन के दौरान इस विशिष्ट गेहूं की पैदावार और वितरण की अपनी योजनाओं के बारे में बताया।