सीसीटीवी और फेंसिंग पर एक करोड़ खर्च कर पुख्ता होगी पीयू की सुरक्षा
पंजाब यूनिवर्सिटी के सुरक्षा इंतजामों का पुख्ता किया जाएगा। इसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।
डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के सुरक्षा इंतजामों का पुख्ता किया जाएगा। इसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। लंबे समय से सीसीटीवी व्यवस्था की खामियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे। प्रशासन ने करीब 58 लाख रुपये सीसीटीवी खरीदने के लिए सेंक्शन कर दिए हैं और इनको मुख्य सार्वजनिक संस्थानों पर लगाया जाएगा। इसके अलावा पीयू की चारदीवारी पर भी फेंसिंग की जाएगी। इसको लेकर सीनेट में मांग उठती रही है। फेंसिंग का काम चरणों में होगा। पीजीआइ के साथ डिवाइडिंग रोड वाली दीवार पर भी फेंसिंग का काम जल्द शुरू होगा। इसके अलावा ऐसी जगहों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जहां रात को ज्यादा अंधेरा रहता है। एडम ब्लॉक के पास रैंप एरिया में लाइटिंग की जानी है। फेंसिंग व सीसीटीवी के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। 58 लाख से खरीदे जाएंगे सीसीटीवी
पीयू में सीसीटीवी व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन भी कई बार लिख चुका है। 200 से ज्यादा सीसीटीवी लगाने की रिकमेंडेशन कर चुका है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लेकिन अब प्रशासन ने इसको दुरुस्त करने का निर्णय लिया है। अंतत: प्रशासन ने इन पर 58 लाख खर्च करने का फैसला किया, चलो देर आए दुरुस्त आए। 900 मीटर की दीवार की फेंसिंग होगी
पीयू में चारदीवारी पर फेंसिंग का काम भी जल्द शुरू होगा, ताकि दीवार आसानी से नहीं फांदी जा सके। गेट नंबर-1 से लेकर फार्मास्यूटिकल साइंस तक पीजीआइ के सामने वाली दीवार पर फेंसिंग की जाएगी। इसका बजट करीब 20 से 25 लाख रखा गया है। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर है। दीवार पर पहले लगाई तारें हटाई जा चुकी है। धनास की तरफ जाते हुए तो आगे फॉरेस्ट एरिया शुरू हो जाता है। ऐसे में फेंसिंग बेहद जरुरत है। भीड़ वाले मुख्य सार्वजनिक स्थानों पर लगने हैं सीसीटीवी
संस्थान में सबसे ज्यादा भीड़ वाली जगहों में मुख्य मार्केट, स्टूडेंट सेंटर और लॉ भवन से गांधी भवन वाली सड़क है। इसके अलावा गेट नंबर-1, 2 और 3 पर बेहतर गुणवत्ता वाले सीसीटीवी इंस्टॉल किए जाएंगे। स्टूडेंट सेंटर के आप पास की पार्किग में सीसीटीवी लगेंगे। रात को लाइटिंग नहीं होने का मुद्दा भी उठा
सेफ्टी को लेकर ही मामला उठ रहा है कि पीयू में कई जगहों पर रात को ज्यादा अंधेरा रहता है, वहां पूरी तरह से लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है। स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम चला रखी है, जिसमें ज्योलॉजी विभाग से एडम ब्लॉक तक रात को आने का चैलेंज दिया जा रहा है, क्योंकि सड़क पर रात को लाइट नहीं जलती हैं। सिक्योरिटी गार्ड्स की सुध भी ले लो
यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि सिक्योरिटी गार्ड्स दो-दो शिफ्टों में लगातार काम कर रहे हैं, उनके बारे में कोई क्यों नहीं सोच रहा है। साथ में उनकी लीव भी नहीं मिल रही है। इसका उनके स्वास्थ्य पर उल्ट प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा सैलेरी में कई बार लेट लतीफी और कम ओवरटाइम के मुद्दे भी उनके लिए अहम हैं। सीसीटीवी खरीदे जाने हैं और फेंसिंग भी की जानी है। मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा अन्य पहलुओं पर भी काम किया जा रहा है।
आरके राय, एक्सइएन। सीसीटीवी और फेंसिंग होने से सुरक्षा व्यवस्था मजूबत होगी। हम लगातार सुरक्षा को रिव्यू कर रहे हैं।
प्रो. अश्विनी कौल, चीफ ऑफ सिक्योरिटी।