नवंबर के आखिर में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में प्राइवेटाइजेशन की टेंडर प्रक्रिया होगी शुरू
इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का कामकाज पूरी तरह से निजी हाथों में होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दिसंबर तक चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का कामकाज पूरी तरह से निजी हाथों में होगा। एडवाइजर मनोज परिदा ने बताया कि नवंबर के आखिर तक प्राइवेटाइजेशन के लिए बिड डॉक्यूमेंट जारी हो जाएंगे। बिड में जो भी कंपनी फाइनल होगी उसके हाथ में कमान होगी। प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया को फाइनल रूप देने के लिए सोमवार को पावर मिनिस्ट्री के अधिकारी और ट्रांजेक्शन कंसलटेंट डिलोइट के प्रतिनिधि चंडीगढ़ पहुंचे। यूटी प्रशासन के अधिकारियों ने एडवाइजर परिदा की अध्यक्षता में उनसे मीटिग की। जिसके बाद प्राइवेटाइजेशन की पूरी प्रक्रिया को शेड्यूल किया गया। एडवाइजर ने मीटिग के बाद बताया कि डिपार्टमेंट के सभी इंप्लाइज और कंज्यूमर्स के हितों का ध्यान रखा जाएगा। जो भी बेहतर होगा वह निर्णय प्रशासन लेगा। इससे पहले प्रशासन प्राइवेटाइजेशन की जगह डिपार्टमेंट को कारपोरेशन बनाना चाह रहा था। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री ने चंडीगढ़ का नाम भी कारपोरेशन के बजाय प्राइवेटाइजेशन वाले शहरों की सूची में शामिल किया। जिसके बाद इसके प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इंप्लाइज कर रहे विरोध, मुनाफे के बाद भी प्राइवेटाइजेशन
इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के इंप्लाइज पहले दिन से ही प्राइवेटाइजेशन का विरोध कर रहे हैं। वह इसके पक्ष में नहीं है। यूटी पावरमैन यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि अभी तक घाटे में चल रहे डिपार्टमेंट को ही प्राइवेट किया जाता था। लेकिन अब मुनाफे में चल रहे डिपार्टमेंट को भी प्राइवेट हाथों में दिया जाने लगा है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट कई करोड़ रुपये के मुनाफे में है। हर साल रेवेन्यू बढ़ रहा है। बावजूद इसके प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है। इंप्लाइज को फोर्सली रिटायर किया जाएगा। उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ होगा। वह ऐसा होने नहीं देंगे।