'क्या हाल मिस्टर पांचाल' की कुंती ने युवा कलाकारों को दी सलाह, कहा-झूठे ऑडिशन से रहें सतर्क
कंचन गुप्ता अपने जीवन को पीछे मुड़कर देखती हैं, तो उन्हें हैरानी होती है कि वह अभिनय के क्षेत्र में कैसे पहुंचीं।
जेएनएन, चंडीगढ़। क्या हाल मिस्टर पांचाल की कुंती आज शहर में है। ये सुन युवा रंगकर्मी उन्हें सुनने पहुंचे। एक गोद ली हुई बेटी ने अपने परिवार का नाम ऊंचा किया। कंचन गुप्ता, अपने जीवन को पीछे मुड़कर देखती हैं, तो उन्हें हैरानी होती है कि वह अभिनय के क्षेत्र में कैसे पहुंचीं। बाल भवन-23 में चल रहे टीएफटी विंटर थिएटर फेस्टिवल में रूबरू सेशन में शामिल हुई। उन्होंने कहा कि फाजिल्का से चंडीगढ़ का मेरा संबंध पढ़ाई का था। जहां पढ़ने के दौरान मुझे समाजसेवा से जुड़ने का मौका मिला। समाजसेवा इसलिए की, क्योंकि मैं खुद एक गोद ली हुई बेटी हूं। मुझे खुशी है कि मेरे मां-बाप ने मुझे प्यार से पाला। मैं चाहती थी कि समाज भी ऐसे ही प्यार से भर जाए। यहां रहते ही मुझे अपने जीवन साथी मिले। जिन्होंने मुझे दोस्तों की तरह रखा। उन्होंने युवा कलाकारों को सलाह दी कि युवा रंगकर्मी जब भी मुंबई में ऑडिशन के लिए जाएं, तो झूठे ऑडिशन से सतर्क रहें। हमेशा मेहनत को तरजीह दें।
नौकरी के सिलसिले में एक बार रविंदर विर्क से मुलाकात हुई। जो प्रोडक्शन मैनेजर थे, उन्हें एक मॉडल चाहिए थी। मैंने अपनी बहन के लिए बात की। मगर उन्हें मुझ में एक अदाकार दिखी, तो उन्होंने मुझे कर्मावाली शो के लिए ऑडिशन देने को कहा। ऑडिशन क्लीयर हुआ, तो यहां रंगकर्मी अनीता शब्दीश से मुलाकात हुई। जिसके बाद रंगमंच से जुड़ना हुआ।
हिमानी शिवपुरी की जगह मुझे किरदार के लिए चुना
कंचन ने कहा कि उन्हें रंगकर्मी सुदेश शर्मा से रंगमंच के बारे में काफी कुछ जानने को मिला। जहां से उन्होंने खुद की प्रोडक्शन कंपनी फैदर कैप्स शुरू की। इस दौरान क्या हाल मिस्टर पांचाल के लिए किरदार ढूंढ़ने की शुरुआत हुई, तो निर्देशक ने मेरा टेस्ट लिया। उन्हें मैं पसंद आई। हालांकि इसके लिए हिमानी शिवपुरी का भी ऑडिशन लिया गया। मगर उन्होंने मेरा चुनाव किया। ये मेरे लिए बड़ी बात रही। मगर अपनी कामयाबी की बात करूं, तो इसमें रगंमंच का काफी अहम किरदार है। मुझे यहीं से एक्टिंग के क्राफ्ट के बारे में जानने को मिला।