पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रही एकमात्र कैंटीन बंद हुई, इस वजह से लिया गया निर्णय
कैंटीन संचालक की काफी राशि स्टूडेंट्स पर पेंडिंग हो गई थी जिसका भुगतान स्टूडेंट्स नहीं कर रहे थे। इस वजह से कैंटीन संचालक ने कैंटीन को बंद करने का फैसला लिया। कैंटीन बंद होने से हॉस्टल में रह रहे स्टूडेंट्स को खाने की किल्लत झेलनी पड़ेगी।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रही एकमात्र कैंटीन को भी बंद कर दिया गया है। यह कैंटीन ब्वॉयज हॉस्टल नंबर-6 में चल रही थी। सूत्रों के अनुसार कैंटीन संचालक की काफी राशि स्टूडेंट्स पर पेंडिंग हो गई थी, जिसका भुगतान स्टूडेंट्स नहीं कर रहे थे। इस वजह से कैंटीन संचालक ने कैंटीन को बंद करने का फैसला लिया। कैंटीन बंद होने से हॉस्टल में रह रहे स्टूडेंट्स को खाने की किल्लत झेलनी पड़ेगी। कैंटीन को बंद करने के लिए पीयू प्रशासन ने अगस्त माह में ही निर्णय ले लिया था। लेकिन हॉस्टल में स्टूडेंट्स रूकने की वजह से कैंटीन को बंद नहीं किया गया था।
इससे पहले अगस्त माह में ही गर्ल्ज हॉस्टल नंबर दो में चल रही कैंटीन को बंद किया था। उस कैंटीन के संचालक ने भी कैंटीन बंद करने का यहीं कारण बताया था कि स्टूडेंट्स ने खाना खाकर पैसे नहीं नहीं दिए है। इस हॉस्टल में स्टूडेंट्स ने अगस्त माह में उत्पात भी मचाया था।
जुन माह में सभी कैंटीन की गई थी बंद
पीयू में करीब 20 हॉस्टल है और इन सबमें कैंटीन चलती है। लॉकडाउन लगने के साथ ही इन हॉस्टल की कैंटीन भी बंद होनी शुरू हो गई थी। जुन माह तक 17 कैंटीन बंद कर दी गई थी। दो कैंटीन को अगस्त माह बंद किया गया।
90 स्टूडेंट्स रह रहे हॉस्टल में
पीयू हॉस्टल में इस समय 90 स्टूडेंट्स रह रहे है। जिनमें से 20 विदेशी और 70 भारतीय स्टूडेंट्स है। सूत्रों के अनुसार विदेशी स्टूडेंट्स ने अपना पूरा बकाया चुका दिया है लेकिन दूसरे स्टूडेंट्स की वजह से इनको भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
स्टूडेंट्स बकाया राशि देने से कर रहे मना
सूत्रों के अनुसार हॉस्टल में रह रहे स्टूडेंट्स ने वार्डन को साफ कह दिया है कि उनके पास पैसे नहीं है, इसलिए वो पैसे नहीं दे सकते। स्टूडेंट्स पर केवल कैटीन का ही तीन लाख रुपये से ज्यादा बकाया है।
परीक्षा 30 सितंबर को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद कैंटीन बंद करने का फैसला लिया गया। कैंटीन का कांट्रेक्ट पहले ही खत्म हो चुका था। लेकिन स्टूडेंट्स की वजह से कैंटीन को खोले रखा था।
प्रो. सुखबीर कौर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, पंजाब यूनिवर्सिटी