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पर्यावरण प्रहरी- हरियाली देख खुश होता है मन, इसलिए पौधे लगाना बना लिया जनून

हरियाली को देखकर मन खुशी से भर जाता है। हरियाली की यह खुशी खुद तक सीमित नहीं रहे बल्कि यह दूसरों तक भी पहुंचे इसके लिए खुद पौधे उगाकर लोगों को बांटने शुरू कर दिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 08:54 PM (IST)
पर्यावरण प्रहरी- हरियाली देख खुश होता है मन, इसलिए पौधे लगाना बना लिया जनून
पर्यावरण प्रहरी- हरियाली देख खुश होता है मन, इसलिए पौधे लगाना बना लिया जनून

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हरियाली को देखकर मन खुशी से भर जाता है। हरियाली की यह खुशी खुद तक सीमित नहीं रहे बल्कि यह दूसरों तक भी पहुंचे इसके लिए खुद पौधे उगाकर लोगों को बांटने शुरू कर दिए। हर सीजन में सौ से दो सौ तक पौधे खुद उगाते हैं। उनका पालन पोषण करते हैं और उसके बाद खुद की खुशी या फिर किसी दूसरे की खुशी के मौके पर उन पौधों को दोस्तों और जानकारों को डोनेट कर दिया जाता है। सेक्टर-22 में रहने वाले जगदीप सिंह सरकारी नौकरी करते हैं लेकिन हरियाली का विस्तार करना अच्छा लगता है। इसलिए पौधे लगाकर उन्हें बांटना खुद का जनून बना लिया है। शहर की विभिन्न नर्सरी से पौधों की खेप लेकर उनकी कटिग करके तैयार करते हैं। जब वह तैयार हो जाते हैं तो उन्हें डोनेट कर दिया जाता है। हर साल पांच सौ के करीब पौधे डोनेट करना जगदीप का रूटीन बन चुका है। यह पौधे हर्बल के अलावा फूलों के भी होते है। घर से की है शुरुआत

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जगदीप ने बताया कि पौधे लगाने की शुरुआत पिताजी ने की थी। पिता हिमाचल प्रदेश से किसान के बेटे थे। वह घर में पौधे लगाते थे, उन्हें देखकर मैंने भी इसकी शुरुआत कर दी। घर में रहते हुए ही मैंने कई पौधे तैयार किए। उसके बाद उन्हें गमलों में लगाया। घर में छह सौ से भी ज्यादा गमले मौजूद हैं। जिसमें विभिन्न किस्मों के पौधे लगे हुए हैं। घर में रखे हुए पौधों को ही दोस्तों को बांटता हूं। इसी साल से अब दोस्तों को फलों के पौधे भी बांटने शुरू करने है। स्कूल में फ्री में देते हैं पौधे

घर और दोस्तों को पौधे देने के अलावा जगदीप सिंह गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-22 में भी पौधे डोनेट करते हैं। जगदीप ने बताया कि मैं उस स्कूल से पढ़ा हुआ हूं। लोग स्कूल के लिए हजारों रुपये खर्च कर देते हैं लेकिन मैं वहां पर पौधे डोनेट करता हूं। यह पौधे गमलों में लगाकर ही देता हूं। मुझे लगता है कि हरियाली से जहां पर बच्चे खुश होते हैं वहीं पर साफ-सुथरी हवा भी लेने का मिलती है। वहीं इससे बच्चे भी प्रभावित होते है। स्कूल में हर साल 15 सौ के करीब स्टूडेंट्स पढ़ाई करते है। यदि हर साल सौ बच्चा भी हरियाली से प्रभावित होकर पौधे लगाने का संकल्प लें तो हमारा पर्यावरण में बहुत ज्यादा सुधार हो सकता है। प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। जगदीप ने पूरे स्कूल में एक हजार के करीब पौधे गमलों के साथ डोनेट किए हुए है। गुलदाउदी और रोज फेस्टीवल में भी लेते है भाग

जगदीप ने बताया कि प्रकृति से इतना ज्यादा प्यार है कि नगर निगम द्वारा आयोजित किए जाने वाले गुलदाउदी और रोज फेस्टीवल में भी भाग लेते हैं और खुद द्वारा उगाए गए फूलों को डिस्पले करते है। इसे करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक करना है ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकें।

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