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जीरकपुर में कम्यूनिटी सेंटरों के रख रखाव की चाबी नगर परिषद के पास, अब समाजसेवी नहीं सरकारी विभाग करेंगे देखरेख

पिछले लंबे समय से सरकारी केंद्रों में होने वाले आयोजनों की लगातार शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। समाजसेवी संस्थाओं के लोग सामुदायिक केंद्रों में होने वाले कार्यक्रमों के आयोजनों पर दी जाने वाली मंजूरियों में नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 11:29 AM (IST)
जीरकपुर में कम्यूनिटी सेंटरों के रख रखाव की चाबी नगर परिषद के पास, अब समाजसेवी नहीं सरकारी विभाग करेंगे देखरेख
जीरकपुर शहर में मौजूद कम्यूनिटी सेंटरों का रख रखाव अब सरकार करेगी।

मोहाली (जीरकपुर), जेएनएन। जीरकपुर शहर में मौजूद कम्यूनिटी सेंटरों का रख रखाव अब सरकार करेगी। जिसका जिम्मा अब जीरकपुर नगर परिषद को सौंपा गया है। ध्यान रहे कि अभी तक इन केंद्रों का रख रखाव समाजसेवी संस्थाओं के पास था। पिछले लंबे समय से सरकारी केंद्रों में होने वाले आयोजनों की लगातार शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। समाजसेवी संस्थाओं के लोग सामुदायिक केंद्रों में होने वाले कार्यक्रमों के आयोजनों पर दी जाने वाली मंजूरियों में नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।

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अधिकतर शिकायतें देर रात तक ऊंची आवाज में बजने वाले डीजे की थी। जिसके बाद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी के नेतृत्व में बिल्डिंग और इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान ये फैसला लिया गया कि शहर के अंदर स्थित सामुदायिक केंद्रों का जिम्मा समाजसेवी संस्थाओं से लेकर अपने अधीन करने के आदेश पारित कर दिए। दूसरी ओर, अधिकारियों को शहर के सभी सामुदायिक केंद्रों का खाका तैयार करके इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते में सौंपने का आदेश दिया है।

जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि इलाकों में बने सामुदायिक केंद्रों में होने वाले आयोजनों को लेकर शिकायतें मिल रहीं थी। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। जिसके बाद कम्यूनिटी सेंटरों को अपने अधीन ले लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे लोगों की शिकायतों में कमी आएगी। वहीं तेज म्यूजिक व अन्य काम सरकारी नियमों के तहत चलेंगे। अभी तक सामाजिक संगठन कुछेक रिलेक्शेन आयोजकों को दे देते थे।


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