टीजीटी-जेबीटी पेपर स्कैमः जेल में ही रहेंगे 'गुरुजी', जमानत याचिका हुई खारिज
पुलिस ने 13 अक्टूबर, 2017को संजय के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। मंगलवार को उसकी जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : टीजीटी-जेबीटी पेपर स्कैम के आरोपित संजय कुमार श्रीवास्तव उर्फ गुरुजी की जमानत याचिका को जिला अदालत ने खारिज कर दिया है। पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपितों का पकडऩा अभी बाकी है। आरोपित को अगर जमानत दे दी जाती है तो वह केस को प्रभावित कर सकता है। नौ जनवरी को आरोपित ने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी।
यूटी शिक्षा विभाग में 2015 में 548 जेबीटी की भर्ती की गई थी। इसके बाद पंजाब विजिलेंस जांच में सामने आया था कि भर्ती के लिए लिखित परीक्षा से तीन दिन पहले ही पेपर परीक्षार्थियों के हाथों में था। इसके लिए दलालों ने परीक्षार्थियों से सात-सात लाख रुपये लिए थे। इसके बाद पंजाब विजिलेंस ने एक रिपोर्ट बनाकर यूटी प्रशासन और पुलिस को भेजी थी और मामले की छानबीन करने को कहा था। घोटाले के सामने आने पर यूटी पुलिस ने एसआइटी गठित की थी। 17 मई, 2017 को पंजाब पुलिस ने तेलंगाना पुलिस के साथ मिलकर संजय श्रीवास्तव उर्फ मिथिलेश पांडे और शिव बहादुर को गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस द्वारा जब 90 दिनों तक कोई चालान पेश नहीं किया गया, तो संजय को 8 अक्टूबर, 2017 को अदालत से जमानत मिल गई थी।
डेढ़ साल पहले दर्ज की गई थी एफआइआर
इसके बाद पुलिस ने 13 अक्टूबर, 2017 में संजय के खिलाफ टीजीटी पेपर लीक मामले एफआइआर दर्ज की थी। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी की धारा-420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में वह पुलिस की गिरफ्त से अब तक बाहर था। लेकिन बीती 8 जनवरी को संजय ने खुद ही अदालत में पेश होकर सरेंडर कर दिया था।