माउंटेन बाइकिंग का रोमांच, देशभर के 70 बाइकर्स दिखा रहे दम
जहां ट्रैकिंग के लिए भी मुश्किल से रास्ते बने हैं, वहां माउंटेन बाइक के जरिये तेजी से अपनी मंजिल नाप रहे हैं। बाइकिंग प्रतियोगिता राइडर्स ऑफ स्ट्रॉम में देशभर के 70 बाइकर्स ने हिस्सा लिया।
जागरण संवाददाता चंडीगढ़ : जहां ट्रैकिंग के लिए भी मुश्किल से रास्ते बने हैं, वहां माउंटेन बाइक के जरिये तेजी से अपनी मंजिल नाप रहे हैं। ये माउंटेन बाइकर्स। शहर के पहले बड़े माउंटेन बाइ¨कग प्रतियोगिता राइडर्स ऑफ स्ट्रॉम में देशभर के 70 बाइकर्स ने हिस्सा लिया। जिसमें गुरुग्राम से हीरो एमटीबी टीम, अरावली ट्रेल हंटर्स, एमटीबी टीम बीर बि¨लग, एमटीबी टीम मनाली, एमटीबी टीम शिमला, कैननडेल टीम, बी ट्विन टीम जैसे स्थापित टीमें शामिल थीं। इवेंट में भारतीय सेना के पहले ट्राईस्थलान आयरमेन मेजर जनरल विक्रम डोगरा शामिल हुए। भारतीय पहाड़ियां माउंटेन बाइ¨कग के लिए सर्वश्रेष्ठ 17 से 39 वर्ष की उम्र में प्रथम स्थान पर रहे शिमला के डेविड कुमार ने कहा कि उनके लिए पहली बार था कि चंडीगढ़ में बाइ¨कग की हो। दरअसल, अभी तक भारत में कई ऐसी जगह हैं, जो माउंटेन बाइ¨कग के लिए बेहतर है। मगर समस्या ये है कि अभी तक इन हिल्स को इसके लिए एक्सप्लोर नहीं किया गया है। जिसकी वजह से बहुत कम जगह ही माउंटेन साइक्लिंग से जुड़े इवेंट हो पाते हैं। गेम को नेशनल लेवल प्राप्त है, ऐसे में इस गेम की तरफ सरकार को ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए। भारत में बहुत प्रतिभा है, इस क्षेत्र में बस जरूरत है, तो केवल इस खेल को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की।
ये बने विजेता
विभिन्न आयु वर्ग के लिए हुए इस टूर्नामेंट में पुरुष एलीट वर्ग (18 से 39 आयु वर्ग) में- प्रथम - डेविड कुमार (हीरो एक्शन टीम शिमला) द्वितीय - शिवेन (टीम कैननडेल) तृतीय- नमन विज (बीर बि¨लग) जूनियर वर्ग (17 वर्ष और उससे कम) में.. प्रथम - आशीष शेरपा (हीरो एक्शन टीम शिमला) द्वितीय- माधव दत्ता (आरओएस, चंडीगढ़) तृतीय- सिद्धार्थ ठाकुर (सोलन) पुरुषों के मास्टर्स वर्ग में (आयु 40+) में - प्रथम- सुनील बरोंग्पा (मनाली ) द्वितीय- रिक्की शर्मा (एटीएच, दिल्ली) तृतीय- अनिल कपिला (आरओएस, चंडीगढ़) महिलाओं की ओपन वर्ग में प्रथम- सारा चौधरी (आरओएस, चंडीगढ़) द्वितीय- रीत कपूर (आरओएस, चंडीगढ़) तृतीय- गुरलीन कौर (एटीएच, दिल्ली) औरत या मर्द नहीं, फिटनेस के लिए जरूरी है साइकिल महिलाओं के लिए आयोजित ओपन वर्ग में प्रथम रहीं सारा चौधरी ने कहा कि माउंटेन बाइ¨कग में महिलाएं अभी बहुत सीमित हैं। वजह है कि लोग अभी साइक्लिंग से बहुत कम जुड़े हैं। साथ ही इस स्पोर्ट्स में महिला और पुरुष का फर्क ढूंढ़ना भी गलत है, क्योंकि ये स्पोर्ट्स हेल्थ के लिए बेहतर है। कई लोगों ने इस खेल के प्रति धारणा बना रखी है। ऐसे में महिलाएं कम ही इस और आती हैं। मगर महिलाओं के आने से इस खेल के प्रति देश में जागरूकता अच्छे रूप से फैलेगी।