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थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट का 228वां ब्लड डोनेशन कैंप, 3 महीने में पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए इकट्ठा किया 4,275 यूनिट रक्त

पीजीआइ में थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर शनिवार को भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 138 लोगों ने रक्तदान किया। ट्रस्ट की ओर से ये 227वां रक्तदान शिविर लगाया गया। अगला रक्तदान शिविर चार सितंबर को पीजीआइ में आयोजित किया जाएगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 05:04 PM (IST)
थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट का 228वां ब्लड डोनेशन कैंप, 3 महीने में पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए इकट्ठा किया 4,275 यूनिट रक्त
ट्रस्ट की ओर से पीजीआइ चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चार सितंबर को पीजीआइ चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर लगेगा। शिविर में आम जनता भी रक्तदान कर सकती है। यह रक्तदान शिविर थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से लगाया जा रहा है। जो लोग हाल ही में कोरोना पॉजिटिव आए हैं, केवल वो लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। जिन लोगों को संक्रमित हुए तीन महीने का समय बीत चुका है, वह भी कैंप में आकर रक्तदान कर सकते हैं।

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पीजीआइ में थैलेसेमिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर शनिवार को भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 138 लोगों ने रक्तदान किया। ट्रस्ट की ओर से ये 227वां रक्तदान शिविर लगाया गया। अगला रक्तदान शिविर चार सितंबर को पीजीआइ में आयोजित किया जाएगा। ट्रस्ट के मेंबर सेक्रेटरी राजिंदर कालरा ने बताया कि छह जून से लेकर अब तक कोरोना महामारी में ट्रस्ट 43 रक्तदान शिविर लगा चुका है। रक्तदान शिविर के जरिए अब तक ट्रस्ट 4,275 ब्लड यूनिट पीजीआइ ब्लड बैंक को इकट्ठा कर दे चुका है।

पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम ने कहा कि थैलेसेमिक चैरिटबेल ट्रस्ट की ओर से थैलेसिमिया के मरीजों के इलाज के लिए यह रक्तदान शिविर लगाया जाता है। ताकि इन मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरूरत के समय ब्लड की कमी का सामना न करना पड़े। इसके लिए पीजीआइ में लगने वाले इस शिविर में जो भी लोग रक्तदान करते हैं। उनका पीजीआइ ब्लड बैंक की ओर से स्पेशल कार्ड बनाकर दिया जाता है। ताकि भविष्य में अगर उन्हें रक्तदान की जरूरत पड़ती है, तो वह ब्लड बैंक पर आकर अपना यह कार्ड दिखाकर ब्लड यूनिट ले सकते हैं।

राजिंदर कालरा ने बताया कि ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 1985 में की गई थी। तब से लेकर अब तक ट्रस्ट थैलेसिमिया के मरीजों की मदद कर रही है। ट्रस्ट के पास 450 थैलेसेमिक मरीज हैं, जिनका इलाज और दवाईयों का खर्चा ट्रस्ट उठा रहा है। यहां तक की हर 15 से 20 दिन बाद इन मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। जोकि ट्रस्ट की आरे से उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा ट्रस्ट पीजीआइ और जीएमसीएच-32 अस्पताल के साथ मिलकर दो डे केयर सेंटर भी चला रहा है।


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