1993 दिल्ली बम ब्लास्ट का दोषी आतंकी भुल्लर होगा रिहा, फांसी की सजा सुनाई गई थी पहले
1993 के दिल्ली बम धमाके में दोषी करार देने के बाद जेल में बंद आतंकी दविंदर पाल भुल्लर अब रिहा होगा। उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था।
चंडीगढ़/पटियाला, जेएनएन। केंद्र सरकार ने 1993 के दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में सजा काट रहे आतंकी दविंदर पाल भुल्लर को रिहा करने के आदेश दिए हैं। भुल्लर को इस मामले में फांसी की सजा हुई थी, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
केंद्र सरकार ने जारी किए आदेश, अमृतसर जेल में बंद है दविंदर पाल भुल्लर
कई सिख संगठन लंबे समय से भुल्लर की रिहाई की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि भुल्लर अपने हिस्से की सजा पूरी कर चुका है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था। वहीं, पंजाब सरकार ने भी आठ कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। इनमें तीन कैदी पटियाला जेल में बंद हैं।
पटियाला जेल में बंद नंद सिंह व सुबेग सिंह को भी रिहा करेगी पंजाब सरकार
पटियाला जेल में बंद लाल सिंह को भी रिहा करने के आदेश जारी हुए हैं, लेकिन उसके खिलाफ दो अन्य केस दर्ज हैं, जिनकी सुनवाई चल रही है। ऐसे में लालसिंह को रिहा करना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त दो अन्य कैदियों नंद सिंह व सुबेग सिंह को रिहा करने के लिए जेल अधिकारी जमानती बॉन्ड का इंतजार कर रहे हैं। पटियाला जेल के सुपरिंटेंडेंट भूपिंदर सिंह विर्क ने इसकी पुष्टि की है।
विर्क ने कहा कि राजोआणा भी पटियाला जेल में ही बंद है, लेकिन उसकी सजा माफी को लेकर कोई भी दस्तावेज जेल प्रबंधन के पास नहीं पहुंचा है। दोनों अन्य कैदियों के जमानती बॉन्ड मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। राजोआणा पिछले करीब 16 साल से जेल में बंद है।
राजोआणा की सजा माफी में कुछ भी गलत नहीं : श्वेत मलिक
लुधियाना : पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकी बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा माफी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सब नियमों के अनुसार हुआ है। राजोआणा सजा का लंबा समय जेल में बिता चुका है।
शिअद ने भी किया राजोआणा की सजा माफी का स्वागत
शिरोमणि अकाली दल ने राजोआणा की फांसी को उम्रकैद में बदलने के फैसले का स्वागत किया है। शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह फैसला सिखों के जख्मों पर मरहम लगाएगा। शिरोमणि अकाली दल व एसजीपीसी ने सैद्धांतिक तौर पर हमेशा ही मौत की सजा का विरोध किया है और करते रहेंगे। इस मामले पर आम सहमति बनाने के लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी है। अकाली दल तो देश के उन सभी कैदियों को रिहा करने के पक्ष में है, जो सजा पूरी कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे बिट्टा और बिट्टू
एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा है कि वह केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। आतंकियों को इस तरह से रिहा करना गलत है। गौरतलब है कि 11 सितंबर 1993 में दिल्ली के रायसीना रोड पर बम धमाके में बिट्टा बाल-बाल बच गए थे। इस ब्लास्ट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 36 घायल हो गए थे। वहीं, पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते व कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी राजोआणा मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
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