कुराली में लावारिस पशुओं का आतंक, लोगों पर करते हैं अचानक हमला
शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ रही लावारिस पशुओं की संख्या से शहरवासी खौफ में जी रहे हैं। यह समस्या पिछले काफी अरसे से चली आ रही है।
संवाद सहयोगी, कुराली : शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ रही लावारिस पशुओं की संख्या से शहरवासी खौफ में जी रहे हैं। यह समस्या पिछले काफी अरसे से चली आ रही है। बावजूद इसके स्थानीय नगर काउंसिल एवं प्रशासन इन लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान के लिए गंभीर नहीं है, जिसके चलते लोगों में प्रशासन के खिलाफ रोष है।
गौरतलब है कि पिछले लंबे अरसे से शहर के नेशनल हाईवे सहित हर गली हर मोड़ पर घूम रहे लावारिस पशु लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं। शहर के लोगों में इन लावारिश पशुओं को लेकर इस कदर खौफ है कि लोगों ने गलियों में बच्चों के खेलने पर भी रोक लगा रखी है। सड़कों पर दिन रात झुंड में घूमते पशु पैदल एवं दोपहिया वाहन चालकों पर अचानक हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं। बड़े हादसे इंतजार में प्रशासन बीते दिनों टू-व्हीलर पर जा रहे दो लोगों पर लावारिस पशुओं ने अचानक हमला दिया था। हादसे में घायल में से एक व्यक्ति को पीजीआइ चंडीगढ़ में एडमिट करवाना पड़ा था। लोगों का कहना है कि पांच साल पहले आवारा सांडों ने कुछ दिनों के अंतराल में एक के बाद एक दो व्यक्तियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। शायद प्रशासन एवं काउंसिल उसी प्रकार के किसी बड़े हादसे की इंतजार में है। प्रशासन को उठाने चाहिए व्यापक कदम विशाल बंसल और गगन अरोड़ा के अनुसार शहर की सड़कों पर घूमते आवारा सांडों ने हर तऱफ कहर बरपाया हुआ है। ये सांड गलियों एवं सड़कों पर झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। इन पशुओं से दोपहिया वाहन चालक एवं पैदल जा रहे लोग खासकर बच्चे एवं महिलाएं इनके पास से गुजरने कि हिम्मत नहीं जुटा पाते और रास्ता बदलने में ही अपनी भलाई समझते हैं। आए दिन यह आवारा पशु किसी ना किसी पर हमला कर लोगों को घायल कर आतंक फैला रहे है। नगर काउंसिल को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम राणा राजेश राठौर, पूर्व पार्षद विपन कुमार, अमित गौतम, राजेंदर सिंह काकन, राणा सतीश कुमार ने बताया कि शहर में आवारा मवेशियों की समस्या संबंधी मंगलवार को काउंसिल के कार्यकारी अधिकारी गुरदीप सिंह को मेमोरेंडम सौंपा है। अगर 15 दिनों में समस्या का समाधान नहीं किया गया जो मजबूरन उन्हें शहरवासियों को साथ लेकर काउंसिल परिसर में धरने पर बैठने को विवश होना होगा और यह धरना समाधान होने तक जारी रखा जाएगा।