बाइक शेयरिंग प्रोजेक्ट के लिए टेंडर अलॉट, छह माह के भीतर शहर में चलेंगी दो हजार साइकिल Chandigarh News
यह प्रोजेक्ट 11 साल के लिए अलॉट किया गया है। ऐसे में कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगी। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए शहर में 670 डॉकिंग स्टेशन बनने हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम ने बाइक शेयरिंग प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को टेंडर अलॉट कर दिया है। पहले फेज में दो और दूसरे फेज में तीन हजार साइकिल चलेगी। ऐसे में अब इस कंपनी को छह माह के भीतर दो हजार साइकिले चलानी होगी, जबकि इसके 12 माह के भीतर बाकी बची तीन हजार साइकिल शुरू हो जाएगी। इसमे ई-साइकिल भी शामिल होगी। स्मार्ट सिटी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में स्मार्ट बाइक लिमिटेड कंपनी को टेंडर अलॉट करने का फैसला लिया गया।
शहर में बनने हैं 670 डॉकिंग स्टेशन
यह प्रोजेक्ट 11 साल के लिए अलॉट किया गया है। ऐसे में कंपनी अगले माह से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगी। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए शहर में 670 डॉकिंग स्टेशन बनने हैं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसर मई माह से शहरवासियों को साइकिल मिलनी शुरू हो जाएगी, क्योंकि उससे पहले डॉङ्क्षकग स्टेशन बनाए जाएंगे। मालूम हो कि स्मार्ट सिटी के तहत पिछले दो साल से शहर में पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना को सिरे चढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन बार बार टेंडर किसी न किसी कारण से खारिज हो रहा था।
चंडीगढ़ प्रशासन साइकिल चलाने वालों के लिए पहले से शहर में साइकिल ट्रेक बनाकर माहौल तैयार कर चुका है। साइकिल का उपयोग करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना एक पहचान पत्र स्टैंड पर जमा करना होगा। इसके लिए एक स्मार्ट कार्ड व एप भी बनाया जाएगा।
जीपीएस के साथ होगी नंबर प्लेट
स्मार्ट कार्ड से साइकिल लेने वाले लोगों को पांच रुपये प्रति घंटा के हिसाब से चार्ज होगा। जिनके पास कार्ड नहीं होगा, उन्हें 10 रुपये देने होंगे। एप के माध्यम से ऑनलाइन साइकिल भी बुङ्क्षकग करा सकेंगे। साइकिल में जीपीएस के साथ ही एक नंबर प्लेट होगी। स्मार्ट सिटी के अनुसार 12 घंटे में साइकिल वापस न आने पर संबंधित के खिलाफ एफआइआर दर कराई जाएगी।
दैनिक जागरण ने चलाया है अभियान
गाैरतलब है कि इस समय पंचकूला में साइकिल शेयरिंग का प्रोजेक्ट चल रहा है।दैनिक जागरण ने भी साइकिल से ही कल है.. नाम से अभियान चलाया हुआ था, जिसके तहत लोग अपने वाहन छोड़कर जागरूक होकर साइकिल चला रहे हैं। पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट भी इस प्रोजेक्ट के तहत प्रशासन को फटकार लगा चुका है।