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पोषण पखवाड़ा अभियान को सफल बनाने में जुटे चंडीगढ़ सरकारी स्कूल के शिक्षक, लोगों को कर रहे जागरूक

भारत सरकार के निर्देशानुसार चंडीगढ़ प्रशासन के सोशल वेलफेयर विभाग की तरफ से शुरू किए गए पोषण पखवाड़ा अभियान में शहर के सरकारी स्कूलों के टीचर्स भी जुटे हुए हैं। शिक्षक चौपाल लगाकर लोगों को कुपोषण के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 02:12 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 02:12 PM (IST)
पोषण पखवाड़ा अभियान को सफल बनाने में जुटे चंडीगढ़ सरकारी स्कूल के शिक्षक, लोगों को कर रहे जागरूक
पोषण पखवाड़ा अभियान के तहत लोगों को पोष्टिक आहार की जानकारी देते शिक्षक।

चंडीगढ़, जेएनएन। भारत सरकार के निर्देशानुसार चंडीगढ़ प्रशासन के सोशल वेलफेयर विभाग की तरफ से शुरू किए गए पोषण पखवाड़ा अभियान में शहर के सरकारी स्कूलों के टीचर्स भी जुटे हुए हैं। शनिवार को गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-29 के टीचर्स ने स्थानीय एरिया में पांच से चौपाल का आयोजन किया जिसमें सुबह उठने से लेकर रात खाने तक खान-पान पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

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संगीत अध्यापिका मधु ने चौपाल पर लोगों को बताया कि सुबह उठते ही सबसे पहले चाय न पीएं बल्कि गर्म पानी से शुरुआत पीना ज्यादा फायदेमंद है। सुबह हमेशा भारी ब्रेकफास्ट करें। सुबह कभी भी हल्का-फुल्का खाना लेने की गलती न करें। सुबह भूख के अनुसार खाना लेना जरूरी है, हल्का खाना हमेशा रात को सोने से पहले खाना चाहिए। इसके साथ खाने के साथ कभी चाय का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चाय खाने के करीब आधे से एक घंटे के बाद पीनी चाहिए।

सोशल वेलफेयर ने टीचर्स की लगाई ड्यूटी

चंडीगढ़ प्रशासन का सोशल वेलफेयर विभाग भारत सरकार के सहयोग से 16 से 31 मार्च तक पोषण पखवाड़ा अभियान चला रहा है। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ स्कूल टीचर्स को भी पौष्टिकता के प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हुए हैं। सोशल वेलफेयर विभाग के निर्देशानुसार शहर के सरकारी स्कूलों के टीचर्स जागरूकता अभियान चला रहे हैं। जिसके तहत चौपाल लगाने के साथ पोस्टर, पेटिंग, रंगोली मेकिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता करवा रहे है ताकि अभिभावकों के साथ स्टूडेंट्स भी बेहतर खान-पान के प्रति प्रेरित हो सके और बेहतर लाइफस्टाइल के साथ रह सके । अभियान का मकसद लोगों को स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है । महिलाओं को गर्भधारण के समय से लेकर बच्चों की किशोर अवस्था तक पौष्टिक खाने की जरूरत होती है। जिसके लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।


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