कोरोना से बचाव के लिए अध्यापकों की कॉल सेंटर पर लगी ड्यूटी, फोन पर करेंगे लोगों की काउंसलिंग
कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच शहर के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ड्यूटी कॉल सेंटर में लगी हैं। अध्यापक जो स्ट्रेस में हैं उनकी बात को समझकर उन्हें स्ट्रेस से बाहर निकालने के सुझाव दे होंगे।
चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच शहर के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ड्यूटी कॉल सेंटर में लगी हैं। कॉल सेंटर में रहकर अध्यापकों को लोगों की टेलीफोन पर काउंसिलिंग करनी होगी। जो स्ट्रेस में हैं उनकी बात को समझकर उन्हें स्ट्रेस से बाहर निकालने के सुझाव दे होंगे। वहीं स्कूल और कॉलेज के अध्यापकों की ड्यूटी को दो कैटागरी में बांटा गया हैं। कॉलेज के अध्यापकों का काम मिनी कंटेनमेंट जोन के बाहर खड़े होकर कंटेनमेंट जोन के लोगों की जरूरतों को देखना होगा। अध्यापकों की ड्यूटी लगने पर इसका विरोध भी होना शुरू हो गया है। यह ड्यूटी एसडीएम ऑफिस द्वारा लगाई गई।
अलग-अलग होगा काम
स्कूल और कॉलेज दोनों स्तर के अध्यापकों को इसमें शामिल किया गया है। जहां एक तरफ कॉलेज के अध्यापक दिन में कोरोना से संबंधित ड्यूटी देंगे वहीं स्कूल के अध्यापक रात को क्वारंटाइन सेंटर के बाहर ड्यूटी पर होंगे। इन सभी अध्यापकों की ड्यूटी का टाइम टेबल भी उन्हें बता दिया गया हैं।
पीजीजीसी-46 से 33 लेक्चरर्स की ड्यूटी
पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 46 में कुल 60 लेक्चरर हैं और उनमें से 33 लेक्चरर्स की ड्यूटी कोरोनो से संबंधित कामों में लगा दी गई है। जब स्टूडेंट्स को टीचिंग में दिक्कत आई तो कॉलेज प्रशासन ने एसडीएम ऑफिस से गुजारिश की। इस पर 10 लेक्चरर्स की ड्यूटी को कैंसिल कर दिया गया लेकिन अभी भी 22 लेक्चरर्स यह ड्यूटी दे रहे हैं।
अन्य कॉलेजों के लेक्चरर की भी लगेगी ड्यूटी
अध्कोरोना में ड्यूटी लगाने की शुरुआत सेक्टर 46 के गवर्नमेंट कॉलेज से हुई लेकिन अब अन्य कॉलेजों के लेक्चरर्स की ड्यूटी लगाने का काम भी शुरू हो गया है। कॉलेजों से लिस्ट मांगी गई है और उसमें सभी टीचर्स के नाम मांगे गए हैं। इसके बाद एसडीएम ऑफिस की ओर से इनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। अगले हफ्ते अन्य कॉलेजों के लेक्चरर्स को जोड़ का काम शुरू हो जाएगा।
मेडिकल इमरजेंसी में करनी होगी मदद
कॉलेज के टीचर्स का काम मिनी कंटेनमेंट जोन के बाहर खड़े होकर कंटेनमेंट जोन के लोगों की जरूरतों को देखना है। अगर उन लोगों को कुछ चाहिए तो लाकर देना है। अगर कोई मेडिकल एमरजेंसी आ जाए तो उसमें भी उन्हें मदद करनी होगी। यह भी देखना होगा कि कोई वॉयलेशन न करे और बाहर न निकले।
विभिन्न सरकारी स्कूलों के 25 अध्यापक शामिल
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर की ओर से एसडीएम साउथ डिविजन को भेजी गई लिस्ट में 25 विभिन्न गवर्नमेंट स्कूलों के 25 अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। यह सभी जेबीटी कैटागरी के टीचर हैं। खासबात है कि रात के समय में भी एक अध्यापक को पुलिस के साथ ड्यूटी देनी होगी। पुलिस और अध्यापक को मिलकर यह देखना है कि कोई व्यक्ति क्वारंटाइन जोन से बाहर न निकले और न ही कोई व्यक्ति उसके अंदर जाए।
यूटी कैडर ने जताया विरोध
अध्यापकों की ड्यूटी लगाने पर यूटी कैडर एजुकेशनल एम्पलॉयज यूनियन ने विरोध किया। उनके अनुसार अध्यापकों की ऐसी ड्यूटी लगाना बिल्कुल गलत है इससे स्टूडेंट्स की ऑनलाइन एजुकेशन प्रभावित होगी। कोरोना महामारी में जहां लोगों को अनावश्यक रूप से निकलने के लिए मना किया गया है। उस समय में अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है।