मोहाली के खरड़ में पंजाब सीएम चन्नी के घर के पास मोबाइल टावर पर चढ़े शिक्षक, माहौल तनावपूर्ण
बीते कल मंगलवार को चंडीगढ़- खरड़ हाईवे पर नौकरी की मांग को लेकर अलग अलग कर्मचारी संगठनों ने हाईवे पर जाम लगा दिया गया था। इसके कारण ट्रैफिक जाम हो गया। कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गई।
जागरण संवाददाता, मोहाली। सीएम सिटी खरड़ में अस्थायी अध्यापकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। अपनी मांगों को लेकर शिक्षक अब सड़कें जाम करने लगे हैं। प्रदर्शन कर रहे कांट्रैक्ट टीचर स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। बुधवार को शिक्षक खरड़ स्थित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर के पास एक मोबाइल टावर चढ़ गए हैं। करीब चार से पांच अध्यापक मोबाइल टावर चढे़ हुए हैं जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि मौके पर पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है और शिक्षकों को नीचे उतारने का प्रयास किया जा रहा है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
बीते कल मंगलवार को चंडीगढ़- खरड़ हाईवे पर नौकरी की मांग को लेकर अलग अलग कर्मचारी संगठनों ने हाईवे पर जाम लगा दिया गया था। इसके कारण ट्रैफिक जाम हो गया। कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लंबी लाइने लग गई। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। शिक्षक देर शाम तक हाईवे पर डटे रहे। बुधवार को भी अलग अलग कर्मचारी संघठन सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया।
बता दें कि मोहाली में इन दिनों विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। मोहाली के सोहाना स्थित गुरुद्वारा सिंह शहीदां के पास स्थायी नौकरी की मांग को लेकर पीटीआइ शिक्षक पिछले करीब 3 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं। उनके तीन साथी पानी की टंकी पर चढ़े हैं। इसके अलावा फेज-8 स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय के सामने स्थानी नौकरी की मांग कर रहे करीब 13000 टीचर्स भी पिछले 170 दिनों से धरने पर बैठे हैं। यहीं पर कंप्यूटर टीचर्स, मिड डे मील व सर्व शिक्षा अभियान दफ्तरी कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ धरना लगा रखा है।
पंजाब सरकार की ओर से बीते दिनों 36000 कर्मचारियों को पक्का करने का दावा किया गया था। लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा है। इसके विरोध में अस्थायी कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे है।
एनआरएचएस इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान डा. इंद्रजीत सिंह राणा, एनएचएस इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश प्रधान गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि कैप्टन सरकार की तर्ज पर चन्नी सरकार भी घोषणाओं तक ही सीमित है। सरकार कह रही है कि 36 हजार कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। सुखजीत कंबोज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 'समान काम - समान वेतन। लेकिन हमारे कर्मचारियों से दोगुना काम लिया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि समूह कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंदर केजरीवाल भी शिक्षकों व कर्मचारियों के धरने में शामिल हुए थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि पंजाब में उनकी सरकार बनने पर शिक्षकों की मांगों को पहलता के आधार पर पूरा करेंगे।