शिक्षकों के लिए तुगलकी फरमान, अब सीधे नहीं मिल सकेंगे अफसरों से
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने बड़े अफ
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने बड़े अफसरों से मिलने पर रोक लगा दी है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षक अब किसी भी निजी काम के लिए सीधे डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन, शिक्षा सचिव या जिला शिक्षा अधिकारी से नहीं मिल सकते। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से दो दिन पहले ही लिखित ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। जिसमें साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी शिक्षक बिना स्कूल हेड की अप्रूवल और अधिकारी से अप्वाइंटमेंट के नहीं मिल सकता। ऐसा करने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग पंजाब कंडक्ट रूल्स 1966 के तहत कड़ी कार्रवाई करेगा। जिला शिक्षा अधिकारी को देनी होगी सूचना
शहर के 114 सरकारी स्कूलों में 5500 सरकारी टीचर्स हैं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर शिक्षक स्कूल टाइम में ही सेक्टर-9 स्थित डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन या यूटी सचिवालय में शिक्षा सचिव के सामने अपनी शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं। आए दिन इन अधिकारियों के कमरों के बाहर स्कूल टाइम में ही शिक्षकों की लंबी लाइन लगी रहती है। कई शिक्षक तो प्रिंसिपल या हेड से बिना इजाजत ही अधिकारियों से मिलने चले जाते हैं। शिक्षकों के लगातार अधिकारियों के पास चक्कर काटने को लेकर प्रिंसिपल भी शिकायत कर चुके हैं। डीईओ की जानकारी में देना जरूरी
नए नियमों के तहत शिक्षकों को किसी भी तरह की समस्या के लिए अधिकारियों की वरिष्ठता क्रम को फॉलो करना होगा। सबसे पहले हेड-प्रिंसिपल या फिर जिला शिक्षा अधिकारी को अपनी समस्या बतानी होगी। अगर वहां पर समस्या का समाधान नहीं होता तो ही मामले में डीएसई या शिक्षा सचिव के सामने अपनी बात रखी जा सकेगी। इसके लिए भी पहले डीईओ को मामले में सूचना देनी होगी। मामले की एप्लीकेशन के बाद इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से अप्वाइंटमेंट लेकर ही मिला जा सकेगा। शिक्षकों के लिए 3 से 4 बजे तक का समय
उच्च अधिकारियों ने शिक्षकों की समस्या सुनने के लिए पहले से ही 3 से 4 बजे तक समय निर्धारित किया हुआ है। ऐसा इसलिए ताकि स्कूल समय में टीचर अधिकारियों के पास नहीं आएं। शिक्षकों और कर्मचारियों को अपनी बात सीधे अधिकारियों के सामने रखने का पूरा अधिकार है। इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर शिक्षा विभाग कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है। सभी इस फैसले की निंदा करते हैं। मामले को उच्च अधिकारियों के सामने उठाया जाएगा।
-स्वर्ण सिंह कंबोज, प्रेसिडेंट, यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन, चंडीगढ़ स्कूल टीचर्स के लिए अधिकारियों से मिलने के लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोई भी टीचर स्कूल टाइम में अधिकारियों से नहीं मिल सकता। मामले को लेकर सभी को रूल फॉलो करना होगा।
अनुजीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी, चंडीगढ़