2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों ने New Pension Scheme को दी चुनौती, हाई कोर्ट ने पंजाब के वित्त व शिक्षा सचिव से मांगा जवाब
Challenge To NPS वर्ष 2004 के बाद नियुक्त गुरदासपुर जिले में तैनात ईटीटी अध्यापक सरबजीत सिंह व अन्य ने नई पेंशन योजना को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में हाई कोर्ट ने कार्मिक वित्त व शिक्षा सचिव से जवाब मांगा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में जनवरी 2004 के बाद की गई नियुक्तियों के लिए लागू नई पेंशन योजना (एनपीएस) को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने पंजाब के वित्त, कार्मिक व शिक्षा सचिवों को 14 दिसंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गुरदासपुर जिले के सरकारी प्राइमरी स्कूल, मल्लियां फकीरां के ईटीटी शिक्षक सरबजीत सिंह व अन्य द्वारा दायर याचिका में नई पेंशन योजना (New Pension Scheme NPS) को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील रंजीवन सिंह ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं समेत 268 टीचरों को ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग ने वर्ष 2006-07 के दौरान विभिन्न जिला परिषदों व स्वायत्त निकायों में नियमित आधार पर नियुक्त किया था।
राज्य सरकार की एक नीति के तहत याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को उनके वेतन व पेंशन आदि की सुरक्षा के साथ वर्ष 2014 में राज्य के शिक्षा विभाग में विलय करने का आदेश दिया गया था। विलय के बाद जनवरी 2015 में उन पर भी एनपीएस लागू कर दिया गया।
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रंजीवन सिंह ने कोर्ट को बताया गया कि ऐसा करते समय विभाग ने वित्त विभाग द्वारा 23 फरवरी 2017 को जारी किए गए निर्देशों की अनदेखी की है। वित्त विभाग के निर्देश में यह दिया गया है कि 9 जुलाई, 2012 से पहले भर्ती किए गए कर्मचारी पंजाब सिविल सेवा नियमों के तहत पुरानी पेंशन योजना के हकदार होंगे। कोर्ट में दलील दी गई कि याचिकाकर्ताओं को जिला परिषद ने एक स्वायत्त निकाय में नियुक्त किया था, इसलिए वे पुरानी पेंशन योजना के लाभ के हकदार हैैं। उन पर नई पेंशन योजना लागू करना अवैध है।