World Liver Day 2019 : टैटू का चस्का कहीं लिवर न कर दे खराब, ऐसे बरतें सावधानी
अगर आपको बॉडी पर टैटू बनवाने का ज्यादा शौक है तो जरा संभल जाइये ऐसा न हो ये शौक आपके लिवर का दुश्मन बन जाए।
चंडीगढ़, [वीणा तिवारी]। अगर आपको बॉडी पर टैटू बनवाने का ज्यादा शौक है तो जरा संभल जाइये, ऐसा न हो ये शौक आपके लिवर का दुश्मन बन जाए। यूथ में टैटू बनवाने का क्रेज तेजी से बढऩे के कारण उनमें लिवर संबंधी बीमारी हेपेटाइटिस बी और सी तेजी से बढ़ रही है। पीजीआइ हीपोटोलॉजी की ओपीडी में आने वाले मरीजों में नीडल के इंफेक्शन से लिवर का मर्ज लेकर आने वाले ज्यादा हैं। पांच साल पहले तक ऐसे मरीजों की संख्या जहां इक्का-दुक्का हुआ करती थीं, वहीं अब डेली की ओपीडी में 10 से 15 मामले आ रहे हैं।
हीपोटोलॉजी के डॉ. विरेन्द्र सिंह का कहना है कि फैशन के चक्कर में यूथ इसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहा है। इससे बचाव के लिए जरूरी है ऐसे शौक ही न रखे जाएं। उसके बावजूद अगर कराना जरूरी हो तो ऐसे दुकान को सिलेक्ट करें, जहां नीडल और अन्य उपकरणों का प्रॉपर इस्टेलाइजेशन होता हो।
ये शौक कर सकता है एचआइवी पॉजीटिव भी
डॉ. विरेन्द्र ने बताया कि संक्रमित नीडल के प्रयोग से हेपेटाइटिस बी और सी के साथ ही एचआइवी पॉजीटिव होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में ब्लड संबंधि कोई भी प्रक्रिया होने के दौरान इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि प्रयोग की जाने वाली नीडल फ्रेश है कि नहीं। इसका खतरा नशा करने वालों में सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि वे ग्रुप में एक ही नीडल से ड्रग लेते हैं।
लिवर को इन बीमारियों का है खतरा
फैटी लिवर, गैर अल्कोहल फैटी लिवर, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, पीलिया, सिरोसिस, अल्कोहोलिक हेपेटाइटिस, हेमोक्रोमैटोसस, जेनेटिक लिवर प्रॉब्लम, लिवर कैंसर।
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
स्किन और आंखों में पीलापन, पेट दर्द और सूजन, टखनों और पैरों में सूजन, यूरिन का कलर चेंज, शौच में ब्लड आना, थकान, मिचली आना, भूख कम लगना।
बीमारी के कारण अनेक हैं
शराब की लत, एक ही सीरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन लगाने पर, टैटू बनवाने या शरीर में जगह-जगह छिदवाने पर, असुरक्षित यौन संबंध, शुगर, मोटापा।
लिवर को सुरक्षित रखना है तो ये करें
शराब कम पीयें, प्रयोग किए गए सीरिंज का उपयोग न करें, टैटू बनवाने या किसी अंग को छिदवाने से पहले संबंधित दुकान के उपकरणों की इस्टेलाइजेशन की पड़ताल कर लें, हेपेटाइटिस ए और बी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराएं, वजन नियंत्रित करने के लिए नियमित व्यायाम करें।