Dengue न हो, इसके लिए लक्षण दिखते ही करवाएं टेस्ट, चंडीगढ़ में गाइडलाइंस जारी
चंडीगढ़ में अब तक 150 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। पिछले साल 265 डेंगू के मामले सामने आए थे। सितंबर 2021 में 59 डेंगू के मामले दर्ज किए गए। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में डेंगू ने दस्तक दे दी है। अब तक 150 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। पिछले साल 265 डेंगू के मामले सामने आए थे। सितंबर 2021 में 59 डेंगू के मामले दर्ज किए गए। शहर में डेंगू से इस साल एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। लेकिन डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के लिए गाइडलाइंस जारी की है। ताकि लोग डेंगू से खुदको सुरक्षित रख सकें। पिछले साल सितंबर में 19 डेंगू के मामले आए थे। वर्ष 2020 में अक्टूबर में 89 और नवंबर में 116 मामले दर्ज किए गए थे। -डेंगू से बचने के लिए अपने घर में और आस पास सफाई रखें।
- घर के अंदर या बाहर पानी इक्ट्ठा न होने दें।
- कूलर या अन्य किसी बर्तन आदि में पानी इक्ट्ठा कर न रखें।
- सुबह और शाम के समय हो सके तो पूरे शरीर को कपड़ों से ढक कर रखें।
- ऑडोमोस आदि मेडिसिन का इस्तेमाल करें।
डेंगू के ये हैं लक्षण
- अगर किसी व्यक्ति को एक हफ्ते से अधिक बुखार हैं और हड्डियों व जोड़ों में दर्द है तो फौरन टेस्ट कराए।
- 24 घंटे में अगर किसी व्यक्ति को बुखार के साथ तीन या उससे अधिक बार उलटी होती हैं तो जांच कराए।
- नाक और दांतों के जबड़ों से अगर खून आ रहा है तो व्यक्ति को डेंगू हो सकता है।
- उलटी में खून, तेज सांस लेना, घबराहट और ब्लड पलेट्लेट्स कम होना डेंगू का कारण हो सकता है।
इन टेस्ट से पता चल सकता है डेंगू है या नहीं
-कंपलीट ब्लड काउंट (सीबीसी)
-किडनी टेस्ट
-छाती के एक्स रे से
-ईसीजी, ईको और अलट्रासाउंड से
डेंगू होने पर क्या करें
-पौष्टिक आहार का सेवन करें, जिससे ब्लड काउंट बढ़े।
-भरपूर आराम करें।
-बुखार को नियंत्रित रखने के लिए पैरासिटामॉल दवाई का सेवन करें।
-ज्यादा से ज्यादा पानी, लस्सी, जूस, नींबू पानी, ओआरएस, नारियल पानी आदि का सेवन करें।
-अगर डेंगू होने पर प्लेटलेट्स काउंट एक लाख से नीचे चला जाए तो मंजन करने से परहेज करें।
-तबीयत अधिक बिगड़ने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लेकर खुदको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करें।
ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स देने में दिक्कत
श्री शिव कांवड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान राकेश सांगर ने बताया कि जो लोग किसी भी एनजीओ के माध्यम से शहर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स देना चाहते हैं। उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जबकि डेंगू अपने चरम पर है। ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स देने में एक व्यक्ति को तीन से चार घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में जो लोग मदद करने के लिए आगे आते हैं, वह सरकारी व्यवस्था की वजह से पीछे हट जाते हैं।