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एसवाइएल निर्माण में 32 श्रमिकों की आतंकियों ने कर दी थी हत्या

एसवाइएल का मुद्दा हरियाणा व पंजाब के बीच हमेशा से विवादों में रहा है। जब पूरा पंजाब आतंकवाद की चपेट में था, तब आतंकवादियों ने प्रोजेक्ट से जुड़े 32 मजदूरों की हत्या कर दी थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 10 Nov 2016 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 10 Nov 2016 06:55 PM (IST)
एसवाइएल निर्माण में 32 श्रमिकों की आतंकियों ने कर दी थी हत्या

जेएनएन,चंडीगढ़। पंजाब में आतंकवाद के जन्म में एसवाइएल की भी भूमिका रही थी। जब पूरा पंजाब आतंकवाद की चपेट में था, तब आतंकवादियों ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को भी नहीं बख्शा, जिसका असर सीधे तौर पर एसवाइएल पर पड़ा था। 1988 में पंजाब के मोहाली से महज 15 किलोमीटर दूर गांव मजात गांव में आतंकवादियों ने एसवाइएल के निर्माण में लगे 32 मजदूरों की हत्या कर दी थी। यह सभी श्रमिक बिहार के थे।

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इतनी बड़ी संख्या में हुई श्रमिकों की हत्या के बाद बिहार के श्रमिक एसवाइएल प्रोजेक्ट से हटने लगे थे। कुछ दिन इस नहर का काम बंद भी रहा, लेकिन बाद में पुलिस सुरक्षा में सरकार ने फिर से निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था।

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इसके अलावा एसवाइएल प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर एमएल सेखड़ी और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर अवतार सिंह औलख समेत एक अन्य इंजीनियर्स की भी खालिस्तानी आतंकवादियों ने चंडीगढ़ स्थित उनके कार्यालय में हत्या कर दी थी। यह अधिकारी तब इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक कर रहे थे। आतंकवादी उनके कार्यालय में घुस गए थे। 23 जुलाई, 1990 को हुई इस घटना ने प्रोजेक्ट के दरवाजे बंद कर दिए और सरकार ने नहर का निर्माण कार्य रोक दिया था।

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