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एक सुरमई शाम में सुप्रिया जोशी और सागर सावरकर आज बांधेंगे समां

त्रिलोकी नाथ फाउंडेशन रविवार को टैगोर थिएटर में पहली म्यूजिकल ईवनिग का आयोजन करवा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 08:39 PM (IST)
एक सुरमई शाम में सुप्रिया जोशी और सागर सावरकर आज बांधेंगे समां
एक सुरमई शाम में सुप्रिया जोशी और सागर सावरकर आज बांधेंगे समां

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : त्रिलोकी नाथ फाउंडेशन रविवार को टैगोर थिएटर में पहली म्यूजिकल ईवनिग का आयोजन करवा रहा है। कार्यक्रम शाम साढ़े चार बजे से शुरू होगा। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकार गायिका सुप्रिया जोशी, सागर सावरकर और प्रसन्ना जोशी शनिवार को सेक्टर-26 स्थित सेंट कबीर स्कूल में पहुंचे। सभी ने ऑडिटोरियम में कार्यक्रम से पहले रिहर्सल किया। इस दौरान इन गायकों ने कई पुराने गानों को गाकर अपनी लय को दुरस्त किया। दैनिक जागरण कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर है।

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त्रिलोकी नाथ फाउंडेशन के ट्रस्टी मोहिदर पाल गुप्ता ने बताया कि संगीत दुनिया में शांति का जरिया है। लोग काफी व्यस्त हैं ऐसे में वह संगीत के माध्यम से खुद से जुड़ सकें, सुकून महसूस कर सकें इसलिए इस म्यूजिकल ईवनिग का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रोटेरियन व पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर रेगुलेटरी अथॉरिटी के सदस्य मनमोहन सिंह और पंजाबी जागरण के एडिटर वरिदर सिंह वालिया बतौर विशेष अतिथि शिरकत करेंगे। शहरवासियों के लिए कार्यक्रम में निश्शुल्क एंट्री रहेगी।

पुराने गानों को रीमिक्स कर न बिगाड़े उनके सुर : सुप्रिया जोशी

मुंबई से कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची गायिका सुप्रिया जोशी ने बताया कि वह 300 से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दे चुकी है और 1000 से ज्यादा लाइव शो कर चुकी हैं। सुप्रिया जोशी 10 से ज्यादा भाषाओं में गाने गा चुकी है। अलग-अलग भाषाओं में गाने को वह एक चुनौती की तरह देखती हैं। मौजूदा समय में पुराने गीतों को रीमिक्स करने का जो ट्रेंड चला है वह बेहद गलत है। हमें उन गानों को रिमिक्स करना चाहिए, जो चले नहीं हैं, उन गानों को नहीं जोकि मास्टरपीस हैं।

सिटी ब्यूटीफुल के लोग खूब उठाते हैं संगीत का लुत्फ : सागर सावरकर

इंडियन आइडल के टॉप टेन में शामिल रह चुके सागर सावरकर ने बताया कि वह एक बैंक के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए इसी महीने चंडीगढ़ आए हुए थे। ऐसे में उन्होंने महसूस किया शहर के लोग जानते हैं कि कैसे संगीत का लुत्फ उठाना है। लोगों को संगीत की अच्छी समझ है और वह इसे प्यार करते हैं। कार्यक्रम में गायक के साथ गीतों को गुनगुनाते भी हैं। हमें पुराने गानों को गाते समय खास ध्यान रखना पड़ता है।


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