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NEET बिना आयुष कोर्स कर रहे छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, फिलहाल कोर्स जारी रखने की मंजूरी

National Eligibility and Entrance Test (नीट) की परीक्षा पास किए बिना आयुष के डॉक्टरी कोर्स कर रहे सैकड़ों छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 03:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:11 AM (IST)
NEET बिना आयुष कोर्स कर रहे छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, फिलहाल कोर्स जारी रखने की मंजूरी
NEET बिना आयुष कोर्स कर रहे छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, फिलहाल कोर्स जारी रखने की मंजूरी

जेएनएन, चंडीगढ़। National Eligibility and Entrance Test (नीट) की परीक्षा पास किए बिना आयुष के डॉक्टरी कोर्स कर रहे सैकड़ों छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह राहत सिर्फ एक बार के लिए है और इसे भविष्य के लिए मिसाल न माना जाए।

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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा MBBS के लिए नीट पास करने को अनिवार्य बनाने के आदेशों के बाद पंजाब और हरियाणा में BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी), BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) या BUMS (बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स कर रहे सैकड़ों छात्रों के एडमिशन अवैध हो गए थे। गौरतलब है कि भारत सरकार ने 1 नवंबर, 2018 को 2019-20 सत्र के BAMS में प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा पास करने को अनिवार्य बना दिया था।

इन आदेशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथी कॉलेजों में नीट की परीक्षा पास के बिना छात्रों को प्रवेश दे दिए गए थे। हाई कोर्ट द्वारा बीती 18 दिसंबर को डॉक्टरी कोर्सो के लिए नीट को अनिवार्य बनाने को सही ठहराने के आदेशों से सैकड़ों छात्रों की परीक्षा अधर में लटक गई थी। हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे छात्रों की बड़ी संख्या के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिलहाल अपना कोर्स जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक या यूनानी दवाओं के डॉक्टर भी इंसानों को ही उपचार देते हैं। न्यूनतम स्तर की चिकित्सकीय परीक्षा के बिना छात्रों को डॉक्टर बनाना आधे-अधूरे चिकित्सक बनाने समान होगा। परंतु 2019-20 सत्र के लिए आयुष कोर्सो में बड़ी संख्या में बिना नीट पास छात्रों को प्रवेश दिए जाने से अंतिम तिथि से पहले एडमिट किए जा चुके छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अदालत के यह निर्देश 31 अक्टूबर, 2019 तक स्नातकोत्तर कोसरें में प्रवेश ले चुके छात्रों पर भी मान्य होगा।

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