अच्छी बरसात से सुखना लेक का जलस्तर एक फीट बढ़ा
मानसून की पहली ही तेज बरसात का सकारात्मक असर दिखने लगा है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : मानसून की पहली ही तेज बरसात का सकारात्मक असर दिखने लगा है। रविवार तड़के हुई बरसात से तापमान में तो गिरावट आई ही है। चंडीगढ़ की लाइफलाइन सुखना लेक का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। एक ही तेज बरसात से जलस्तर एक फीट तक बढ़ गया है। रविवार को बरसात के बाद सुखना का जलस्तर 1156.7 फीट दर्ज किया गया। यह जलस्तर समुद्र तल से नापा जाता है। जबकि इससे पहले मई-जून में जलस्तर तेज गर्मी और वाष्पीकरण के कारण 1155 फीट तक पहुंच गया था। यह बरसात सुखना कैचमेंट एरिया में भी जमकर हुई है। जिसके बाद से सुखना में पानी आ रहा है। सुखना में जल का मुख्य स्त्रोत बरसात और कैचमेंट एरिया से आने वाला पानी ही है। दो साल पहले खुले थे फ्लड गेट
तीन साल से बरसात काफी अच्छी हो रही है। जिस वजह से सूखी सुखना अब मानसून के बाद पानी से लबालब रहती है। दस साल बाद 2018 में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने पर सुखना के फ्लड गेट खोलने पड़े थे। जबकि पिछले साल 2019 में भी जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया था। लेकिन बरसात का दौर बंद होने से फ्लड गेट नहीं खोले गए। लेकिन इस साल मानसून समय से पहले पहुंचा है। बरसात भी अच्छी होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। ऐसे में फ्लड गेट खोलने की नौबत इस बार भी आ सकती है। जलस्तर साढ़े छह फीट और बढ़ा और 1163 पर पहुंचा तो फ्लड गेट खोलने पड़ेंगे। सिल्ट की परत ने लेक की क्षमता कर दी कम
सुखना लेक की तलहटी में सिल्ट की बड़ी परत जम चुकी है। जिससे लेक की जलक्षमता निरंतर घटी है। अब हालत यह हो गई है कि दो-तीन तेज बरसात के बाद ही नौबत फ्लड गेट खोलने की आने लगी है। पानी के साथ सिल्ट यानी गाद बहकर लेक में न पहुंचे। इसके लिए कैचमेंट एरिया में 150 डैम बनाए गए थे। लेकिन यह सभी डैम सिल्ट से भर चुके हैं। जिस कारण अब पानी सीधे सिल्ट के साथ लेक पहुंचता है। पिछले साल पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रशासन को लेक डीसिल्ट करने के आदेश दिए थे।