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मानहानि के मामले में सुखबीर बादल का चंडीगढ़ की अदालत में सरेंडर, जमानत याचिका दायर की

जिला अदालत ने 20 हजार रुपये के बेल बांड पर सुखबीर की जमानत याचिका को मंजूरी दी है। जिला अदालत ने सुखबीर बादल के जमानती वारंट जारी किए हुए थे जिस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार दोपहर स्टे लगा दिया था।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 06:10 PM (IST)
मानहानि के मामले में सुखबीर बादल का चंडीगढ़ की अदालत में सरेंडर, जमानत याचिका दायर की
सुखबीर बादल (अकाली दल के अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री)।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को जिला अदालत में सरेंडर कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अदालत में जमानत याचिका भी दायर कर दी। अदालत ने 20 हजार रुपये के बेल बांड पर सुखबीर की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है।

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जिला अदालत ने सुखबीर बादल के जमानती वारंट जारी किए हुए थे जिस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार दोपहर स्टे लगा दिया था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश से पहले ही जिला अदालत ने सुखबीर बादल के गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश मिलने पर अदालत ने गैर जमानती वारंट को खारिज कर दिया।

इससे पहले, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अकाली दल के अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को राहत देते हुए चंडीगढ़ की जिला अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी जमानती वारंट को रद कर दिया था। इसी के साथ हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है क्यों ना जिला अदालत में बादल के खिलाफ चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी जाए।

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बता दें कि तीन साल पुराने मानहानि के एक मामले में चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को समन जारी कर तलब किया था। बादल के पेश न होने पर जिला अदालत चंडीगढ़ ने उनके खिलाफ वारंट जारी किए थे। जिसे सुखबीर बादल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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यह है पूरा मामला

बादल के खिलाफ धार्मिक संगठन अखंड कीर्तनी जत्थे और उसके प्रवक्ता राजिंदर पाल सिंह की तरफ से जनवरी 2017 में ये केस फाइल किया गया था। 3 साल पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजिंदर पाल सिंह के घर आए थे। उनकी इस मुलाकात के बाद सुखबीर बादल ने मीडिया को जत्थे के खिलाफ विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने जत्थे को आतंकवादी संगठन का राजनीतिक चेहरा बताया। जिस पर राजिंदर पाल सिंह ने बादल के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में मानहानि का केस फाइल कर दिया था। राजिंदर सिंह का कहना था कि बादल के इस बयान के कारण उनके संगठन की छवि खराब हुई है।

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