सुखबीर बोले- प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के मुद्दे पर पद्म विभूषण वापस कर दिया मजबूत संदेश
Prakash Singh Badal Padma Vibhushan पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री व शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने प्रकाश सिंह बादल द्वारा पद्म विभूषण वापस करने के फैसले को सही करार दिया। कहा कि इससे उन्होंने किसानों के पक्ष में मजबूत संदेश दिया।
चंडीगढ़ [एएनआइ]। Prakash Singh Badal Padma Vibhushan: शिरोमणि अकाली दल के प्रधान एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पद्म विभूषण लौटाने के फैसले को सही करार दिया। सुखबीर ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया। उन्होंने सरकार को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए अपना पुरस्कार लौटा दिया। किसानों को इन कानूनों की आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार किसानों मजबूर कर रही है।
सुखबीर बादल ने आंदोलन कर रहे किसानों व महिलाओं को कुछ लोगों को खालिस्तानी करार दिए जाने पर नाराजगी जताई। कहा कि बुजुर्ग महिलाएं कृषि कानून का विरोध कर रही हैं। क्या वे खालिस्तानियों की तरह दिखते हैं? यह देश के किसानों को देशद्रोही कहने का एक तरीका है। यह किसानों का अपमान है। वे हमारे किसानों को देशद्रोही कैसे कहते हैं ?
Does BJP or anybody else have the right to declare anybody as anti-national? These people (farmers) have dedicated their entire life to the nation & now you are calling them anti-national. People who are calling them anti-nationals are actually anti-nationals: Sukhbir Badal https://t.co/Fz3ZYwxemA" rel="nofollow— ANI (@ANI) December 3, 2020
सुखबीर बादल ने कहा कि क्या किसी दल या किसी और को किसी को भी राष्ट्र-विरोधी घोषित करने का अधिकार है? इन लोगों (किसानों) ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है और अब आप उन्हें राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं। जो लोग उन्हें देशद्रोही कह रहे हैं वे वास्तव में देशद्रोही हैं।
बता दें, कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। लंबे समय तक पंजाब में धरने प्रदर्शन के बाद किसान दिल्ली बार्डर पर जमे है। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत में जुुुुटी है। किसानों के मुद्दे पर पंजाब के सभी राजनीतिक दल (भाजपा को छोड़कर) केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी मुद्दे अकाली-भाजपा गठबंधन में दरार पड़ी। इन वर्षों पुरानी दोस्ती टूट गई। यही नहीं, केंद्र में अकाली कोटेे की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
जाखड़ बोले- बादल ने मजबूरी में लिया फैसला
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शिअद के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल द्वारा पद्म् विभूषण अवार्ड वापस करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बेशक उन्होंने यह फैसला राजनीतिक मजबूरी व अतीत में अपनी पार्टी द्वारा इन काले खेती कानूनों का साथ देने की की बड़ी गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश के तौर पर लिया है, पर फिर भी उनका यह फैसला स्वागत योग्य है।
जाखड़ ने कहा कि बादल के इस फैसले से किसानों के संघर्ष को और बल मिलेगा। पर साथ ही उन्होंने कहा कि इसका फायदा तभी है अगर भाजपा की सरकार भी किसानों के मसले को गंभीरता से लें वह सत्ता की मदहोशी का त्याग कर किसानों की मांगों का हल करें। जाखड़ ने कहा कि जब इन काले कानूनों संबंधी ऑर्डिनेंस आए थे तो यही अकाली दल व इसके नेता इन कानूनों को किसानों के लिए वरदान बता रहे थे।
उन्होंने कहा कि बादल ने अपने पुत्र के सत्ता मोह में आकर तब इन कानूनों को किसान के हित में बताकर जो गलती की थी अब उसी गलती को ढकने की कोशिश उनके द्वारा की गई है। जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार का अड़ियल रवैया पूरे देश के विकास व संविधान के संघीय ढांचे के लिए खतरा है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार से आग्रह किया कि वे देशभर के किसानों, बुद्धिजीवियों के काले खेती कानूनों के प्रति रोष को समझे व किसानों की मांगों का हल करके इन कानूनों को वापस लिया जाए।