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अपनी पार्टी पर सवाल उठाने के बाद चावला ने भाजपा को घेरा, कहा- एमसी को किया जाए भंग

अपनी पार्टी की कारगुजारी पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेता एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला अब भाजपा और उनके नेताओं पर हमला बोला है। चावला ने कहा है कि वित्तीय हालत खस्ता के बहाने प्रापर्टी टैक्स 1500 गुना बढ़ा दिया गया गांव वालों पर प्रापर्टी टैक्स लगा दिया गया।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 01:51 PM (IST)
अपनी पार्टी पर सवाल उठाने के बाद चावला ने भाजपा को घेरा, कहा- एमसी को किया जाए भंग
सुभाष ने कहा कि नगर निगम की वित्तीय हालत खस्ता है और कंगाली की स्थिति है।

चंडीगढ़, जेएनएन। अपनी पार्टी की स्थानीय कारगुजारी पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेता एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला अब भाजपा और उनके नेताओं पर हमला बोला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सुभाष चावला ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि इस समय जो नगर निगम की वित्तीय हालत खस्ता है और जो इस समय कंगाली की स्थिति है उसके लिए सिर्फ और सिर्फ भाजपा जिम्मेदार है। चावला ने आगे कहा है कि वित्तीय हालत खस्ता के बहाने प्रापर्टी टैक्स 1500 गुना बढ़ा दिया गया, गांव वालों पर प्रापर्टी टैक्स लगा दिया गया, शहरवासियों पर सीवरेज और काउसेस लगा दिया गया।

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पानी के रेट तीन गुना तक बढ़ा दिए गए। इसके अलावा पिछले चार साल में कई और तरह से टैक्स लगा दिए गए। शहर में पेड पार्किंग के रेट बढ़ा दिया गया। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम की वित्तीय हालत दुरस्त नहीं हुई। इस समय भी शहर के सभी काम ठप्प पड़े हैं। गांवों और कालोनियों की खस्ता हालत है। सड़कें टूटे हुई है और सांसद किरण खेर सहित भाजपा के नेता अपनी जिम्मेवारी से भाग रहे हैं। चावला ने यह भी कहा कि इस समय नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर सहित 35 पार्षदों, मेयर की सरकारी कोठी, कार्यालय और स्टॉफ का खर्चा हर माह 50 लाख रुपये प्रति माह है जब कोई काम नहीं ही नहीं हो रहा है तो फिर यह खर्चा भी जनता क्यों वहन करे।

उन्होंने कहा कि जब से नगर निगम में भाजपा के मेयर बनने शुरू हुए हैं तब से शहर की खस्ता हालत होनी शुरू हुई है। चावला ने भाजपा नेताओं को सलाह दी है कि अब उन्हें मान लेना चाहिए कि वह नगर निगम को चलाने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और अब उन्हें भी नैतिकता के आधार पर प्रशासक से मांग करनी चाहिए कि नगर निगम को भंग कर दिया जाए और उसकी जगह पर नए सिरे से चुनाव करवाए जाए। मालूम हो कि अगले साल नगर निगम चुनाव है। इसलिए इस समय कांग्रेस और भाजपा के साथ-साथ आम आदमी पार्टी सक्रिय है और शहर में राजनीति गरम हो गई है।


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