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चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव शोभा यात्रा में नहीं शामिल होंगे स्टूडेंट्स, गुरुद्वारा कमेटियों ने इस वजह से लिया फैसला

कोरोना वायरस का असर हर त्योहार व कार्यक्रम पर पड़ रहा है। चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव शोभा यात्रा में इस बार छात्रों को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा संगत से भी कम संख्या में आने की अपील कि गई है ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 08:35 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 08:35 AM (IST)
चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव शोभा यात्रा में नहीं शामिल होंगे स्टूडेंट्स, गुरुद्वारा कमेटियों ने इस वजह से लिया फैसला
इस बार शोभायात्रा में स्कूली स्टूडेंट्स शामिल नहीं किए जाएंगे।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। 30 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जयंती से पहले निकलने वाली शोभायात्रा में स्कूल के स्टूडेंट शामिल नहीं होंगे। यह निर्णय शहर के विभिन्न गुरुद्वारा कमेटियों ने लिया है। गुरुद्वारा कमेटियों के अनुसार कोविड-19 के बढ़ते केसों को देखते हुए इस बार शोभायात्रा में स्कूली स्टूडेंट्स शामिल नहीं किए जाएंगे। शोभायात्रा में विभिन्न गुरुद्वारा से पांच प्यारे और चुनिंदा लोग ही शोभायात्रा मे भाग लेंगे और परंपरा को पूरा करेंगे।

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उल्लेखनीय है कि शहर में करीब 20 गुरुद्वारा है जिसमें गुरु नानक देव जयंती को लेकर विभिन्न पर कार्यक्रम होनी निश्चित हुए हैं। मुख्य प्रोग्राम सेक्टर 19 के गुरुद्वारा से 28 नवंबर को शुरू होगा, जिसमें शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शहर के विभिन्न सेक्टर और गुरुद्वारों से होती हुई सेक्टर-15 में जाकर खत्म होगी।

शोभायात्रा में शामिल होती थी हजारों की संख्या में संगत

कोरोना के चलते इस बार संगत बड़ी संख्या में न हो, इसे लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कोशिशों में जुटी हुई है। हालांकि हर साल श्री गुरु नानक देव जयंती से पहले प्रकाश उत्सव शोभायात्रा और फिर लंगर कार्यक्रम में हजारों की संख्या में संगत जुटती है। यह संगत सुबह 4:00 बजे से आना शुरू हो जाती थी, जोकि करीब तीन दिनों तक गुरुद्वारा में माथा टेकने के लिए आती थी।

जानकारी देते हुए सेक्टर 19 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष तेजेंद्र पाल ने बताया कि कोरोना के चलते सभी कार्यक्रमों को रोका गया है। परंपरा निभाने के लिए ही छोटे-छोटे कार्यक्रम किए जाएंगे, जिसमें ज्यादातर लोगों से अपील की गई है कि इसमें शामिल न हों। गुरुद्वारे में आकर बस सिर्फ माथा टेक सकते हैं। संगत को संभालने के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। गुरुद्वारे के अंदर आने वाले हर श्रद्धालु को हाथ सैनेटाइज करने से लेकर टेंपरेचर चेक करवाने तक का काम किया जाए। इसके साथ ही संगत से अपील की जा रही है कि गुरुद्वारे में ज्यादा देर न बैठें, बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब के आगे नत्मस्तक होकर जल्द वापस जाएं, ताकि गुरुद्वारा परिसर में किसी तरह की भीड़ इकट्ठी न हो।


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