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PU की महाभारत में पिस रहे स्टूडेंट्स, हॉस्टल के लिए करीब 200 एप्लीकेशन पेंडिंग Chandigarh News

पंजाब यूनिवर्सिटी में आजकल डीएसडब्ल्यू कौन? पंजाब यूनिवर्सिटी में खुद के वर्चस्व को स्थापित करने के लिए चल रहे युद्ध का अंत होता नजर नहीं आ रहा। इसका सीधा असर स्टूडेंट्स पर पड़ रहा

By Edited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:18 AM (IST)
PU की महाभारत में पिस रहे स्टूडेंट्स, हॉस्टल के लिए करीब 200 एप्लीकेशन पेंडिंग Chandigarh News
PU की महाभारत में पिस रहे स्टूडेंट्स, हॉस्टल के लिए करीब 200 एप्लीकेशन पेंडिंग Chandigarh News

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पंजाब यूनिवर्सिटी में आजकल डीएसडब्ल्यू कौन? पंजाब यूनिवर्सिटी में खुद के वर्चस्व को स्थापित करने के लिए चल रहे युद्ध का अंत होता नजर नहीं आ रहा। इसका सीधा असर स्टूडेंट्स पर पड़ रहा है। पीयू में सैकड़ों किलोमीटर दूर से स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए आए हैं। यहां पर हॉस्टल पाने के लिए वह एक महीने से भी ज्यादा समय से घूम रहे है, लेकिन हॉस्टल नहीं मिल रहा। पीयू में करीब दो सौ स्टूडेंट्स की एप्लीकेशन डीएसडब्ल्यू ऑफिस में पेंडिंग है।

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उल्लेखनीय है कि 22 अगस्त में हुई सीनेट बैठक में वीसी प्रो. राजकुमार ने डीएसडब्ल्यू प्रो. इमैनुअल नाहर को हटा दिया था। 24 को नए डीएसडब्ल्यू को चार्ज मिला। 27 अगस्त को छात्र संघ चुनाव के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लग गया जो कि 15 सितंबर तक जारी रहा। 18 सितंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बैंच ने प्रो. नाहर को हटाने के आदेश देने के साथ मोस्ट सीनियर प्रोफेसर को इस पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए। 20 सितंबर तक उस पर कोई अमल नहीं हुआ। इसके कारण डीएसडब्ल्यू कौन इसका जबाव किसी के पास नहीं है।

पीजी का खर्च नहीं दे सकते इसलिए गुरुद्वारे में ली है शरण

दैनिक जागरण संवाददाता ने शुक्रवार को डीएसडब्ल्यू आफिस पहुंचने वाले स्टूडेंट्स से बात की। जिन्होंने बताया कि छत नहीं मिलने के कारण दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कई ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के अभिभावक वापस घर बुला रहे है, क्योंकि वह पीजी में रहने का खर्च दे नहीं सकते।

पढ़ाई करने के लिए बिहार से पंजाब यूनिवर्सिटी आया हूं, लेकिन यहां पर कमरा नहीं मिल रहा। इसके चलते पहले कुछ समय गुरुद्वारे में ठहरा और अब शेल्टर होम सेक्टर-17 में रह रहा हूं।

देवेंद्र कुमार

लद्दाख से पढ़ाई के लिए आई हूं। पहले कुछ समय गुरुद्वारे में रही। उसके बाद नयागांव में कमरा लेकर रह रही हूं लेकिन अब मेरे पास पैसे नहीं है।

ऐलीना 

दिल्ली से आया हूं। 30 अगस्त से सेक्टर-17 के शेल्टर होम में रह रहा हं। न तो कमरा मिल रहा है और न ही मेरे पास पैसे है कि पीजी ले लूं।

अक्षत

सीनेट होने तक प्रो. इमैनुअल नाहर ही डीएसडब्ल्यू रहेंगे। उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

रेणुका सलवान, प्रवक्ता, पंजाब यूनिवर्सिटी।

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