..ये मेहनत का जश्न है
चंडीगढ़ के 5 सरकारी स्कूलों के स्टूडेट्स ने सोमवार को अपनी एक महीने की मेहनत को मंच पर पेश किया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : एक महीने की कड़ी वर्कशॉप। जिसमें पहले तो नृत्य के इतिहास के बारे में जाना। फिर उसे कैसे करना है, इसके बारे में जाना। कभी गिरे तो कभी चोटिल हुए, फिर कहीं जाकर सीखा है नृत्य को। चंडीगढ़ के 5 सरकारी स्कूलों के स्टूडेट्स ने सोमवार को अपनी एक महीने की मेहनत को मंच पर पेश किया। इसमें पंजाब और राजस्थान के पारंपरिक नृत्य रहा। कार्यक्रम की शुरुआत गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-10 के स्टूडेट्स ने लुड्डी प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-47 के स्टूडेट्स की रही, जिन्होंने राजस्थान के चरी नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मनीमाजरा के स्टूडेट्स ने लुड्डी की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति के बाद गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-32 और अंत में गवर्नमेट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-15 के स्टूडेट्स ने प्रस्तुति दी। स्टूडेट्स को करतार सिंह, बलबीर चांद, काजल, गीत और बचन राम ने स्टूडेट्स को नृत्य के बेसिक सिखाए। अकादमी के अध्यक्ष कमल अरोड़ा ने कहा कि अकादमी ने इस बार एक महीने की वर्कशॉप के बाद दो तरह से इसे मनाने की घोषणा की है। इसमें पहले दिन सोमवार को नृत्य और दूसरे दिन मंगलवार को नाटक की प्रस्तुति होगी। पहले केवल नाटक ही वर्कशॉप में सिखाए जाते थे, मगर अब नृत्य भी इसमें जोड़ा गया। इसमें दोनों ही रंग आ जाते हैं। स्टूडेट्स को यकीनन इस एक महीने की वर्कशॉप से काफी कुछ सीखने को मिला होगा। उन्होंने बताया कि कला को पहचानने की जरूरत होती है। कला पहचाने में आ जाए तो उसे निखारना मुश्किल नहीं।