जुर्माना बढ़ाने के बाद भी स्टूडेंट्स तोड़ रहे नियम
एक्ट की वजह से लोगों ने ट्रैफिक को फॉलो करना तो शुरू कर दिया है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : पूरे देश में इस समय नए मोटर व्हीकल एक्ट की वजह से लोगों ने ट्रैफिक को फॉलो करना तो शुरू कर दिया है। उसके बावजूद भी कई लोग ऐसे हैं जो चालान का जुर्माना बढ़ने के बाद भी बिना किसी डर के ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे हैं। इन लोगो में सबसे ज्यादा स्कूल और कॉलेज स्टूडेंट्स हैं। ऐसे बहुत स्टूडेंट्स हैं जो रोजाना स्कूल/कॉलेज आते-जाते समय इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। उसके बावजूद भी ऐसे स्टूडेंट्स पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। चालान के दाम बढ़ने के बाद भी ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले स्टूडेंट्स पर अंकुश नहीं लग रहा है। शहर के स्कूलों में चाहे वह प्राइवेट हो या फिर सरकारी सभी के स्टूडेंट्स ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे हैं और पुलिस प्रशासन यह सब देखकर भी सख्त कदम नहीं उठा रहा है। हाथों में हेलमेट रखना समझते हैं शान
हेलमेट को दोपहिया वाहन चलाते समय सिर पर पहनने के लिए बनाया गया है लेकिन स्टूडेंट्स इसे हाथों में लटकाने में अपनी शान समझ रहे हैं। ज्यादातर स्टूडेंट्स जो अपने दोपहिया वाहनों से स्कूल और कॉलेज आते हैं, उनके हेलमेट सिर के बजाय हाथों में लटके दिखते कें। यह स्टूडेंट्स ऐसे ही सड़कों पर गेड़ियां मारते हैं और अपने साथ-साथ दूसरे राहगीरों की जान को भी खतरे में डालते हैं। स्कूल की छुट्टी के समय मचाते हैं हुड़दंग
अमूमन इन बच्चों में ज्यादातर नाबालिग हैं जो दसवीं से लेकर बारहवीं क्लास में पढ़ते हैं। स्कूल की छुट्टी के समय इन बच्चों का हुड़दंग सबसे ज्यादा बढ़ जाता है जब यह सड़कों पर एक ही वाहन पर तीन-चार बैठकर ओवर स्पीडिग, बिना हेलमेट और रैस ड्राइविग करते हैं। इन स्टूडेंट्स को ऐसा करते हुए शहर के हर स्कूल के बाहर देखा जा सकता है। नहीं होती पुलिस खड़ी
सेक्टर-26 में ट्रैफिक पुलिस द्वारा पूरी सड़क को वन वे कर दिया जाता है और ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाता है। उसके उलट शहर में और कहीं भी किसी स्कूल के बाहर पुलिस की ऐसी चाक चौबंद व्यवस्था देखने को नहीं मिलती है। जिसकी वजह से स्टूडेंट्स के हौसले सातवें आसमान पर हैं। स्कूलों में हर वर्ष और हर नियमित अंतराल में ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया जाता है। हम सिर्फ स्कूलों में बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक कर सकते हैं, उन्हें बता सकते हैं। उसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से शहर के सभी स्कूलों को नोटिफिकेशन जारी किया हुआ है कि जो भी बच्चा स्कूल में अपना वाहन लेकर आता है उसके दस्तावेज चेक करें और कहीं कोई कमी है तो उस बच्चे के अभिभावक को स्कूल में बुलाकर या फोन कर बताएं।
-रूबिदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन