मोहाली, जीरकपुर के लिए तीन साल पहले बनी स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी कागजों में सिमटी, अधिकारी बोले- लगेगा समय
मोहाली जिले में स्ट्रीट वेंडर के लिए बनी पॉलिसी जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाई है। या यूं कहें कि पॉलिसी अभी तक कागजों में ही सीमित है। वहीं जीरकपुर और डेराबस्सी में भी यही हालात हैं। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि पॉलिसी लागू करने में समय लगेगा।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली जिले में रेहड़ी फड़ी वालों के लिए बनी स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लागू होने में अभी ओर से समय लगेगा। मोहाली शहर के लिए स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी तीन साल पहले फाइनल कर ली गई थी। इसके लिए जगह से लेकर वेंडर्स तक की लिस्टें फाइनल हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक इस लागू नहीं किया जा सकता है। निगम कमिश्नर कमल गर्ग का कहना है कि अभी इस को लागू करने में थोड़ा समय लगेगा। लेकिन पॉलिसी पूरी तरह से तैयार है।
उधर, डेराबस्सी सबडिवीजन के अधीन आने वाले जीरकपुर में भी स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी डेढ़ साल पहले फाइनल कर दी गई थी। शहर के रेहड़ी वालों को सरकारी जगह आवंटित करनी थी, ताकि सड़कों पर खड़े रेहड़ी वाले शहरवासियों के लिए परेशानी न बनें। लेकिन यहां भी स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी कागजों तक ही सीमित है, जो अभी तक साकार नहीं हो सकी है।
जीरकपुर शहर के कई हिस्सों में रेहड़ी वाले सड़क पर रेहड़ियां लगाकर अपनी दुकानदारी करते हैं। सड़क के बीचोंबीच खड़े रेहड़ी वालों को सामान बेचता देख लोग अकसर गाड़ियां रोककर खरीदारी करने लगते हैं। इससे यहां जाम के साथ सड़क हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है।
जीरकपुर नगर परिषद में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी का कार्यभार देख रहे बलविंदर सिंह ने बताया कि स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए शहर में लगने वाली रेहड़ियों का सर्वेक्षण हुआ था। लेकिन कुछ कारणों के चलते यह काम बीच में रोक दिया गया था। इस मामले संबंधी अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। अब फिर से काम शुरू किया जाएगा और जल्द ही पॉलिसी को फाइनल करके लागू कर दिया जाएगा। उधर, मोहाली में स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लेकर भी विवाद है। क्योंकि जो साइट्स वेंडर्स के लिए फाइनल की गई हैं उनमें से कुछ जगह शोरूमों के सामने है। शोरूम मालिक इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में फिर से नई जगहों की तलाश के लिए निगम एक बार फिर सर्वे करवा सकता है।