Punjab Congress Crisis: पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज, कैप्टन अमरिंदर के घर पहुंचे बाजवा सहित कई वरिष्ठ नेता
Punjab Politics Crisis पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बनाने को लेकर मचे घमासान के बीच देर रात कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर कभी उनके मुखर विरोधी रहे प्रताप सिंह बाजवा सहित कई वरिष्ठ नेता पहुंचे। कैप्टन ने इन नेताओं काे डिनर भी दिया।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो/एएनआइ। Punjab Congress Crisis: नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने को लेकर जारी घमासान के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इन नेताओं में कैप्टन अमरिंदर के मुखर विरोधी रहे प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल हैं। वहां बाजवा सहित सभी नेताओं ने पंजाब कांग्रेस में पैदा हुए हालात के बारे में चर्चा की। कैप्टन अमरिंदर ने सभी नेताओं को डिनर भी दिया। बताया जाता है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की तैयारी से ये नेता खुश नहीं है।
साढ़े चार साल बाद कैप्टन से मिलने पहुंचे बाजवा
दरअसल सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर चल रहे महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के दो राजनीतिक ध्रुव भी करीब साढे़ चार साल बाद शनिवार रात को इकट्ठे हो गए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा को डिनर पर बुलाया। इसके साथ ही कैप्टन ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह , कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी को भी डिनर पर आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री के सलाहकार बीआइएस चहल भी इस दौरान भी कैप्टन अमरिंदर के फार्म हाउस पर मौजूद हैं।
सभी नेताओं के कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्म हाउस पर पहुंचने के बाद पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पैदा होने वाले हालात के बारे में चर्चा की गई। राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा भी सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के कदम से खुश नहीं हैं।
दिलचस्प बात यह है कि कैप्टन ने करीब पांच साल पहले हाईकमान को अपनी पैठ (शक्ति प्रदर्शन कर) दिखाकर प्रदेश की अध्यक्षता ली थी। उस समय प्रताप सिंह बाजवा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। अब जब अध्यक्षता सिद्धू के पास जाती दिखाई दे रही है तो उसे रोकने के लिए कांग्रेस के यह दो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एकजुट हो रहे हैं। बताया जाता हे कि प्रताप बाजवा भी नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाए जाने से खुश नहीं हैं।