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जीएमसीएच में स्टाफ की कमी, एक नर्स के हवाले 40 से 50 मरीज Chandigarh News

सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) में नर्सिंग स्टाफ की कमी परेशानी का कारण बनता जा रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 10:40 AM (IST)
जीएमसीएच में स्टाफ की कमी, एक नर्स के हवाले 40 से 50 मरीज Chandigarh News
जीएमसीएच में स्टाफ की कमी, एक नर्स के हवाले 40 से 50 मरीज Chandigarh News

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) में नर्सिंग स्टाफ की कमी परेशानी का कारण बनता जा रहा है। इसके कारण नर्सिंग स्टाफ पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे वे तनाव झेल रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए जीएमसीएच नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने पीएमओ को पत्र भेजा है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो परिणाम बेहद गंभीर होगा। मौजूदा समय में 785 पदों पर 525 नर्सिंग स्टाफ की तैनाती है। यह पद सालों से खाली है। स्टाफ की कमी के कारण 40 से 50 मरीजों पर एक नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा रही है। इससे भर्ती मरीजों को भी बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है।

सैलरी गैप भी है कारण
एसोसिएशन के मुताबिक सबसे बड़ी समस्या सैलरी गैप को लेकर है। सेंट्रल सर्विसेज की पे स्केल जीएमसीएच से कहीं अधिक है। दोनों के बीच में 40 से 50 हजार रुपये प्रति महीने का अंतर है। इतना ही नहीं तीन साल के प्रोबेशन पीरियड में लाखों रुपये का नुकसान होता है। प्रमोशन के अवसर कम हैं। यही वजह है कि मौका मिलते ही जीएमसीएच का नर्सिंग स्टाफ सेंट्रल सर्विसेज में जा रहा है। सर्विस कंडीशन सही न होने से जीएमसीएच में नर्सिंग स्टाफ की समस्या हमेशा बनी रहेगी।

अभी स्थिति और बिगड़ेगी
वर्तमान में जीएमसीएच में नर्सिंग स्टाफ की 774 पोस्ट है, जिसमें 196 पोस्ट वैकेंट है। आने वाले दिनों में 190 नर्सेज रिटायर हो जाएंगी, इससे समस्या और बढ़ेगी। एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डबकेश कुमार और जनरल सेक्रेटरी संदीप कुमार यादव का कहना है कि जब तक जीएमसीएच में सेंट्रल के बराबर पे स्केल नहीं लागू होता है और सर्विस कंडीशन में सुधार नहीं होता है, यहां पर समस्या बनी रहेगी।
 

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