चंडीगढ़ के सेंट जोसेफ स्कूल में अनोखे तरीके से मनाया गुरु पर्व, बच्चों ने अलग-अलग धर्मों से संबंधित कपड़े पहने
मिडल विंग के स्टूडेंट्स ने उत्सव की शुरुआत गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को यादगार बनाने की प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद नवोदित गायकों ने राग सारंग राग बसंत और राग तुखारी में सुखदायक पवित्र शबदों का जप किया।
चंडीगढ़, जेएनएन। सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-44 में गुरु पर्व कार्यक्रम का विशेष आयोजन किया गया। इसमें प्राइमरी और मिडिल बिन के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ विशेष तरीके से किया। इसमें मिडल विंग के स्टूडेंट्स ने उत्सव की शुरुआत गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को यादगार बनाने की प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद नवोदित गायकों ने राग सारंग, राग बसंत और राग तुखारी में सुखदायक पवित्र 'शबदों' का जप किया, जिससे पूरा माहौल शांत और धर्मनिष्ठ हो गया। स्टूडेंट्स ने सांस्कृतिक एकरूपता दिखाने के लिए कुर्ता-पायजामा/सलवार-सूट जैसे कपड़े डाले ताकि पंजाबी सभ्यता की एकरूपता लगे।
हर धर्म व संस्कृति की जानकारी देना अनिवार्य
स्कूल प्रिंसिपल मोनिका चावला ने कहा कि स्टूडेंट्स को हर धर्म और संस्कृति की जानकारी देना बेहद जरूरी है। इसी सोच के साथ गुरु पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में एक तरह की ड्रेस डालने के निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के मौके पर जो कुछ भी गुरुद्वारों में किया जाता है, उसके आधार पर कार्यक्रम को आयोजित किया गया, ताकि जो स्टूडेंट सिख धर्म से नहीं है, उन्हें भी इसके अहम और इसे बनाने के तरीके का पता चल सके। उन्होंने कहा कि मिडल विंग के अलावा प्राइमरी विंग के स्टूडेंट्स भी कार्यक्रम में शामिल हुए, हालांकि स्टूडेंट सिर्फ परिधान में ही वर्चुअल कार्यक्रम में जोड़े जबकि उन्होंने किसी प्रकार की परफॉर्मेंस नहीं दी।